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ड्रग कंट्रोलर ने कहा गौतम गंभीर फाउंडेशन ने बिना लाइसेंस के कोरोना की दवाई बांटी

गौतम गंभीर पर आरोप है कि उनके एनजीओ गौतम गंभीर फाउंडेशन ने मेडिकल कैंप लगाने के लिए कोरोना की दवाइयों की जमाखोरी की. जो ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट(Drugs and cosmetics Act) की धारा 18(सी) और 27(बी)(2) का उल्लंघन है.

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Published : Dec 8, 2021, 10:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ड्रग कंट्रोलर(Drugs controller, Delhi) ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर(second wave of corona) के दौरान गौतम गंभीर फाउंडेशन (Gautam gambhir foundation) के गैर मेडिकल स्टाफ(Non-medical staff) ने कोरोना की दवाई फेविपिराविर दवाई (favipiravir drug) बांटी.

इस दवाई को बिना लाईसेंस के नहीं बांटा जा सकता है. ड्रग कंट्रोलर ने कहा है कि दान(donation) की गतिविधि ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट के दायरे से बाहर नहीं है.

ड्रग कंट्रोलर ने कहा है कि फेविपिराविर टैबलेट, मेडिकल ऑक्सीजन और दवाईयों का स्टॉक और उसकी बिक्री बिना लाईसेंस के नहीं की जा सकती है. ड्रग कंट्रोलर ने अपने हलफनामे में कहा है कि गौतम गंभीर फाउंडेशन की ओर से लगाए गए मेडिकल कैंप में फेविपिराविर के 2349 स्ट्रिप बांटे गए थे. ये तब किया गया जब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में दवाईयों का जबरदस्त संकट था. ड्रग कंट्रोलर ने फाउंडेशन के कब्जे से फेविपिराविर की 285 स्ट्रिप भी बरामद किए और उसे दिल्ली सरकार के सक्षम प्राधिकार को सौंपा.

गौतम गंभीर फाउंडेशन और उसके पदाधिकारियों ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट(Drugs and cosmetics Act) की धारा 18(सी) और 27(बी)(2) का उल्लंघन किया है.
20 सितंबर को हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर के खिलाफ रोहिणी कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाते हए ड्रग कंट्रोलर को नोटिस जारी किया था. ड्रग कंट्रोलर ने गौतम गंभीर के अलावा गौतम गंभीर फाउंडेशन, इसके सीईओ अपराजिता सिंह, सीमा गंभीर और नताशा गंभीर के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून की धारा 18(सी) के तहत मामला दर्ज कराया है.

सुनवाई के दौरान गौतम गंभीर की ओर से वरिष्ठ वकील आत्माराम नादकर्णी और जय अनंत देहादराय ने कहा था कि चैरिटेबल गतिविधियां(charitable activities by gautam gambhir) ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18(सी), और धारा 27(बी)(3) के तहत नहीं आती है.

बता दें कि दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने 8 जुलाई को गौतम गंभीर फाउंडेशन, उसके ट्रस्टी और सीईओ के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रावधानों के तहत अभियोजन शुरु किया था. इसी तरह के आरोपों के तहत आप विधायकों प्रवीण कुमार और इमरान हुसैन के खिलाफ भी अभियोजन शुरु किया गया था. तीनों के खिलाफ दवाईयों और ऑक्सीजन के अवैध भंडारण के आरोपों की जांच के बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18(सी) और 27(बी) के तहत अभियोजन शुरु किया गया था.

ये भी पढे़ं: गंभीर को पाकिस्तान से फिर मिली धमकी, कश्मीर पर राजनीति न करने की हिदायत



गौतम गंभीर पर आरोप है कि उनके एनजीओ गौतम गंभीर फाउंडेशन ने मेडिकल कैंप लगाने के लिए कोरोना की दवाईयों की जमाखोरी की. वहीं इमरान हुसैन पर आरोप है कि उन्होंने हरियाणा ड्रग कंट्रोल विभाग(Haryana Drugs control Department) से अनाधिकृत रुप से मेडिकल ऑक्सीजन हासिल किया. 29 जुलाई को ड्रग कंट्रोलर ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया था कि रोहिणी कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया है.(Summoned by Rohini court against Gautam gambhir)

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ड्रग कंट्रोलर(Drugs controller, Delhi) ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर(second wave of corona) के दौरान गौतम गंभीर फाउंडेशन (Gautam gambhir foundation) के गैर मेडिकल स्टाफ(Non-medical staff) ने कोरोना की दवाई फेविपिराविर दवाई (favipiravir drug) बांटी.

इस दवाई को बिना लाईसेंस के नहीं बांटा जा सकता है. ड्रग कंट्रोलर ने कहा है कि दान(donation) की गतिविधि ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट के दायरे से बाहर नहीं है.

ड्रग कंट्रोलर ने कहा है कि फेविपिराविर टैबलेट, मेडिकल ऑक्सीजन और दवाईयों का स्टॉक और उसकी बिक्री बिना लाईसेंस के नहीं की जा सकती है. ड्रग कंट्रोलर ने अपने हलफनामे में कहा है कि गौतम गंभीर फाउंडेशन की ओर से लगाए गए मेडिकल कैंप में फेविपिराविर के 2349 स्ट्रिप बांटे गए थे. ये तब किया गया जब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में दवाईयों का जबरदस्त संकट था. ड्रग कंट्रोलर ने फाउंडेशन के कब्जे से फेविपिराविर की 285 स्ट्रिप भी बरामद किए और उसे दिल्ली सरकार के सक्षम प्राधिकार को सौंपा.

गौतम गंभीर फाउंडेशन और उसके पदाधिकारियों ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट(Drugs and cosmetics Act) की धारा 18(सी) और 27(बी)(2) का उल्लंघन किया है.
20 सितंबर को हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर के खिलाफ रोहिणी कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाते हए ड्रग कंट्रोलर को नोटिस जारी किया था. ड्रग कंट्रोलर ने गौतम गंभीर के अलावा गौतम गंभीर फाउंडेशन, इसके सीईओ अपराजिता सिंह, सीमा गंभीर और नताशा गंभीर के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून की धारा 18(सी) के तहत मामला दर्ज कराया है.

सुनवाई के दौरान गौतम गंभीर की ओर से वरिष्ठ वकील आत्माराम नादकर्णी और जय अनंत देहादराय ने कहा था कि चैरिटेबल गतिविधियां(charitable activities by gautam gambhir) ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18(सी), और धारा 27(बी)(3) के तहत नहीं आती है.

बता दें कि दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने 8 जुलाई को गौतम गंभीर फाउंडेशन, उसके ट्रस्टी और सीईओ के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रावधानों के तहत अभियोजन शुरु किया था. इसी तरह के आरोपों के तहत आप विधायकों प्रवीण कुमार और इमरान हुसैन के खिलाफ भी अभियोजन शुरु किया गया था. तीनों के खिलाफ दवाईयों और ऑक्सीजन के अवैध भंडारण के आरोपों की जांच के बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18(सी) और 27(बी) के तहत अभियोजन शुरु किया गया था.

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गौतम गंभीर पर आरोप है कि उनके एनजीओ गौतम गंभीर फाउंडेशन ने मेडिकल कैंप लगाने के लिए कोरोना की दवाईयों की जमाखोरी की. वहीं इमरान हुसैन पर आरोप है कि उन्होंने हरियाणा ड्रग कंट्रोल विभाग(Haryana Drugs control Department) से अनाधिकृत रुप से मेडिकल ऑक्सीजन हासिल किया. 29 जुलाई को ड्रग कंट्रोलर ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया था कि रोहिणी कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया है.(Summoned by Rohini court against Gautam gambhir)

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