नई दिल्ली : देश में तीसरे चरण के अंतर्गत 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है. ऐसे में कई एक्सपर्ट कोरोना के खतरे को देखते हुए 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन की भी सलाह दे रहे हैं. इसी क्रम में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर वैक्सीन कितनी कारगर है. इसका डाटा कलेक्ट करने के लिए दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ट्रायल 18 से 2 वर्ष की आयु के बच्चों पर किया जा रहा है.
बता दें कि तीन चरणों में 18 से 12, 12 से 6 और 6 से 2 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन के दोनों डोज दिए जा चुके हैं. अब बच्चों को ऑब्जर्व किया जा रहा है, वैक्सीन दिए जाने के बाद उनका फॉलोअप किया जा रहा है.
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डॉक्टर संजय राय ने बताया पहले चरण के अंतर्गत 18 से 12 आयु वर्ग के बच्चों और दूसरे चरण के अंतर्गत 12 से 6 आयु वर्ग के बच्चों और तीसरे चरण में 6 से 2 साल की आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन के डोज दिए गए हैं. इसके बाद बच्चों में वैक्सीन के बाद मामूली सिम्टम्स देखने को मिले. वैक्सीन दिए जाने के बाद बच्चों में कोई बड़ी सीवियरिटी देखने को नहीं मिली.
डॉ संजय राय ने बताया कि बच्चों को वैक्सीन के दोनों डोज दिए जाने के बाद डाटा को मॉनिटर किया जा रहा है. बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल देशभर के कई अलग-अलग सेंटर पर किया जा रहा है. सभी सेंटर का डाटा कलेक्ट होने के बाद ही रेगुलेरिटी अथॉरिटी की ओर से बच्चों के लिए वैक्सीन को लेकर फाइनल डाटा दिया जाएगा.
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डॉक्टर संजय राय ने साफ किया कि बच्चों को वैक्सीन के दोनों डोज दिए जाने के बाद करीब 1 साल तक फॉलोअप किया जाएगा. इस बीच रेगुलटी अथॉरिटी की ओर से वैक्सीन को बच्चों के लिए कभी भी मंजूरी दी जा सकती है.