नई दिल्ली : 27 फरवरी को यूक्रेन की राजधानी कीव में एक भारतीय छात्र को 4 गोलियां लगी थीं. वह यूक्रेन से दूसरे देश में जाना चाहता था. मेट्रो में गया, लेकिन उसे मेट्रो में नहीं चढ़ने दिया गया. वह अपने कुछ दोस्तों के साथ कैब बुक किया. उसके बाद रास्ते में एक चेकिंग के दौरान जब वह गाड़ी से निकला तो उसे 4 गोलियां मार दी गईं. एक गोली सीने में लगी है. एक कमर में लगी है और दो गोली पैर में लगी है. उसका पैर भी फैक्चर है. छात्र ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि मुझे दूसरी जिंदगी मिली है, मैं जीना चाहता हूं. मैं भारतीय दूतावास से यह आग्रह करता हूं कि वे मुझे यहां से निकालें. वे मुझे व्हील चेयर उपलब्ध कराए और दस्तावेज बनाने में मदद करें. मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि अगर आप मौत के बाद चार्टर्ड प्लेन भेजते हैं तो उसका कोई फायदा नहीं है.
परिवार वालों ने बताया कि जैसे ही उसके सीने में गोली लगी वह बेहोश हो गया. उसके बाद उसे कुछ याद नहीं रहा. जब आंखें खुलीं तो वह हॉस्पिटल में एडमिट था. 27 फरवरी के इस घटना के बाद वह बेहोश हो गया था. उसके बाद 2 मार्च को उसको होश आया था. जिसके बाद उसने अपने घर पर फोन करके पूरी घटना बताई. छात्र का नाम हरजोत सिंह है. वह पिछले साल ही कीव के इंटरनेशनल यूरोपीयन यूनिवर्सिटी मैं लैंग्वेज की पढ़ाई करने गया था.
इस घटना के बाद हरजोत सिंह के परिवार का बुरा हाल है. वह भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि किसी भी तरह उनके बच्चे को वापस दिल्ली लाया जाए. दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर एक्सटेंशन में हरजोत का पूरा परिवार रहता है. हरजोत की मां का कहना है कि उनका बेटा चल-फिर नहीं सकता है. लिहाजा भारत सरकार कुछ ऐसा प्रयास करे कि उसको सही सलामत दिल्ली लाया जा सके. घर में माता-पिता के अलावा जितने भी लोग हैं. सभी लोग इस घटना के बाद काफी परेशान हैं.
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रूसी सेना लगातार कीव पर हमला कर रही है. कीव पर कब्जा करने की नियत से रूसी सेना आगे बढ़ती जा रही है. भारत सरकार लगातार ऑपरेशन गंगा के तहत वहां फंसे छात्रों को निकालने के लिए लगी हुई है. अभी भी जो छात्र वहां फंसे हैं, उनको सुरक्षित निकालने की कोशिश जारी है. लड़ाई शुरू होने से पहले से ही परिजन छात्रों को उक्रेन से निकालने की गुहार सरकार से लगा रहे हैं. अगर समय रहते सरकार ने उन्हें वहां से निकाल लिया होता तो ये दिन भला क्यों देखना पड़ता.