नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने जिन दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस को मिली हैं. यह दोनों पहले भी पाकिस्तान जाने के लिए कई बार ट्राई कर चुके थे, लेकिन हर बार फेल हो जा रहे थे.
दोनों आतंकवादियों के आका मौलाना मसूद अजहर को अपना आइकॉन मानते थे और अपने फेसबुक पर भी उन्हीं का फोटो लगा रखा था. इनके पास से दो सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, दस जिंदा कारतूस, दो मोबाइल, कपड़े से भरा बैग, पहचान पत्र व अन्य सामान जब्त किया है. इनकी गिरफ्तारी से बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम हो गई. ये दोनों जम्मू कश्मीर के बारामुला और कुपवाड़ा के रहने वाले हैं.
कई जगह रच रहे थे हमले की साजिश
पुलिस की शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि दोनों आतंकी दिल्ली में कई जगह पर हमले की साजिश रच रहे थे. जिनके निशाने पर कई वीवीआईपी थे. ये एक वाट्सएप ग्रुप का हिस्सा भी थे. इनमें एक पाकिस्तानी भी जुड़ा हुआ है, जो उन्हें तमाम तरह के निर्देश देता था. पुलिस अब इनके मोबाइल के नंबर की संघन जांच कर रही है.
देवबंद कनेक्शन को खंगालने में लगी पुलिस
दोनों आतंकी देवबंद और सहारनपुर भी जा चुके हैं. पुलिस अब इनके देवबंद कनेक्शन को खंगालने में लगी है. ये सोशल मीडिया के माध्यम से आंतकी गुट में शामिल हुए थे. कई बार इन्होंने बार्डर पार कर पाकिस्तान जाने का प्रयास भी किया, लेकिन सेना के जवानों की कड़ी चौकसी के कारण वे अपने इरादे में कामयाब नहीं हो सके.
मिलेनियम पार्क नजदीक ट्रैप लगाकर दबोचा
16 नवंबर को स्पेशल सेल को इन आतंकियों के बारे में इनपूट मिला था, पता चला कि वे सराय काले खां इलाके में आने वाले हैं, जिन्हें आगे निजामुदीन इलाके में जाना है. यह जानकारी मिलते ही एक टीम ने सराय काले खां मिलेनियम पार्क के नजदीक ट्रैप लगाकर बीती रात इन दोनों को धर दबोचा.
मौलाना मसूद अजहर को मानते थे अपना आइकॉन
पुलिस की तहकीकात में पता लगा कि दोनों आतंकियां का रोल मॉडल जैश ए मोहम्मद संगठन का लीडर मौलाना मसूद अजहर है. अब्दुल लतीफ मीर का मीर लतीफ के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट है. जिसमें उसने मौलाना मसूद अजहर की तस्वीरें लगा रखी हैं. वह सोशल मीडिया पर मौलाना मसूद अजहर को बेहद ध्यान से सुनता था.
उसका इरादा जम्मू कश्मीर को आजाद कराने और इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार विश्व भर में करने का था. अरशद मदानी, मौलाना मुफ्ती फैजुल वाहिद सहाब और नाजिर अहमद, साहा काश्मी द्वारा दिए जाने वाले लैक्चर को वे प्रचार प्रसार करते थे. आजकल दोनों आंतकी लाहौर निवासी अलताफ मलिक के संपर्क में थे. जो इन दोनों को बार्डर क्रॉस कराने की कोशिश में लगा था.