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दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने IDC सोसायटी को भेजा 30 हजार का नोटिस - delhi jal board news

दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से बोरवेल को लेकर द्वारका की आईडीसी सोसायटी को 30 हजार का नोटिस भेजा गया है.

दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने IDC सोसाइटी को भेजा 30 हजार का नोटिस
IDC सोसाइटी को नोटिस
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Published : Aug 3, 2020, 3:04 AM IST

Updated : Aug 3, 2020, 7:22 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से बोरवेल को लेकर द्वारका की आईडीसी सोसाइटी को 30 हजार का नोटिस भेजा गया है. इस बारे में आईडीसी सोसाइटी के प्रेसिडेंट अशोक कुमार ने बताया कि यह नोटिस भेजा जाना सरासर गलत है.

IDC सोसाइटी को भेजा 30 हजार का नोटिस


'जल बोर्ड पूरी नहीं कर पा रहा है पानी की आपूर्ति'

उनका कहना है कि हम जल बोर्ड से पानी की मांग कर रहे हैं और उसके बदले हमें नोटिस थमाया जा रहा है. एक दिन में सोसाइटी में 130 से 140 किलोलीटर पानी की खपत होती है, लेकिन जल बोर्ड द्वारा उन्हें 70 से 90 किलोलीटर पानी ही उपलब्ध कराया जाता है. इस वजह से वह जल बोर्ड से टैंकर की मांग करते हैं, लेकिन उन्हें वह सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई जाती, जिसके कारण उन्हें अधिक रुपये खर्च कर प्राइवेट टैंकर मंगवाना पड़ता है, जिससे सोसाइटी का नुकसान होता है. इसके साथ सोसाइटी के जो कॉमन एरिया है और पार्क है, उसे हरा-भरा रखने के लिए बोरवेल का पानी यूज किया जाता है.


'बोरवेल का पानी इस्तेमाल करने पर भरना होगा हर्जाना'

उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा सभी सोसाइटी में हरियाली को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं और जल बोर्ड कहता है कि बोरवेल के पानी का इस्तेमाल करने पर उन्हें हर्जाना भरना पड़ेगा. ऐसे में सोसाइटी की वेलफेयर एसोसिएशन के लिए यह समझना मुश्किल हो गया है कि वह आखिर करें तो क्या करें.


नई दिल्ली: दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से बोरवेल को लेकर द्वारका की आईडीसी सोसाइटी को 30 हजार का नोटिस भेजा गया है. इस बारे में आईडीसी सोसाइटी के प्रेसिडेंट अशोक कुमार ने बताया कि यह नोटिस भेजा जाना सरासर गलत है.

IDC सोसाइटी को भेजा 30 हजार का नोटिस


'जल बोर्ड पूरी नहीं कर पा रहा है पानी की आपूर्ति'

उनका कहना है कि हम जल बोर्ड से पानी की मांग कर रहे हैं और उसके बदले हमें नोटिस थमाया जा रहा है. एक दिन में सोसाइटी में 130 से 140 किलोलीटर पानी की खपत होती है, लेकिन जल बोर्ड द्वारा उन्हें 70 से 90 किलोलीटर पानी ही उपलब्ध कराया जाता है. इस वजह से वह जल बोर्ड से टैंकर की मांग करते हैं, लेकिन उन्हें वह सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई जाती, जिसके कारण उन्हें अधिक रुपये खर्च कर प्राइवेट टैंकर मंगवाना पड़ता है, जिससे सोसाइटी का नुकसान होता है. इसके साथ सोसाइटी के जो कॉमन एरिया है और पार्क है, उसे हरा-भरा रखने के लिए बोरवेल का पानी यूज किया जाता है.


'बोरवेल का पानी इस्तेमाल करने पर भरना होगा हर्जाना'

उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा सभी सोसाइटी में हरियाली को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं और जल बोर्ड कहता है कि बोरवेल के पानी का इस्तेमाल करने पर उन्हें हर्जाना भरना पड़ेगा. ऐसे में सोसाइटी की वेलफेयर एसोसिएशन के लिए यह समझना मुश्किल हो गया है कि वह आखिर करें तो क्या करें.


Last Updated : Aug 3, 2020, 7:22 AM IST
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