नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनियों और टीपीए को निर्देश दिया है कि वे मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज होते समय अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) देने में देरी न करें. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया.
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इंश्योरेंस कंपनियों का NOC आने में लग रहे 5 से 6 घंटे
सुनवाई के दौरान भगत चंद्र अस्पताल की ओर से वकील सचिन दत्ता ने कहा कि ऐसा बताया गया है कि अस्पतालों को सप्लायर आवंटित कर दिए गए हैं. हमें पहले वाले सप्लायर्स से तुलना करनी चाहिए. तब कोर्ट ने कहा कि आप प्रशासन से बात कीजिए, हम इसमें नहीं पड़ेंगे. तब मेहरा ने कहा कि कोई भी शिकायत हो, तो संपर्क कीजिए, एक घंटे में समाधान होगा. दत्ता ने कहा कि डिस्चार्ज होने वाले मरीजों के लिए इंश्योरेंस कंपनियों का अनापत्ति प्रमाण पत्र आने में 5 से 6 घंटे लग रहे हैं. इसकी वजह से बेड जल्द खाली नहीं हो रहे हैं. इस गतिरोध को दूर करना होगा. इंश्योरेंस कंपनियों के टीपीए को आधे घंटे से ज्यादा नहीं लेना चाहिए. तब मेहरा ने बताया कि इंश्योरेंस कैसे काम करता है.