ETV Bharat / city

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को तगड़ा झटका, खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला - etv bharat delhi news

जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को दिल्ली स्थित सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने शरद यादव को इसके लिए 15 दिन का समय दिया है.

delhi-hc-directs-disqualified-rs-mp-sharad-yadav-to-vacate-govt-bungalow-within-15-days
delhi-hc-directs-disqualified-rs-mp-sharad-yadav-to-vacate-govt-bungalow-within-15-days
author img

By

Published : Mar 15, 2022, 6:21 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव को निर्देश दिया है कि वे 15 दिनों के अंदर सरकारी आवास खाली करें. हाईकोर्ट ने ये आदेश शरद यादव से सरकारी बंगला खाली कराने की केंद्र सरकार की मांग पर सुनवाई करते हुए दिया है.

हाईकोर्ट ने 24 फरवरी को शरद यादव को नोटिस जारी किया था. केंद्र सरकार ने सिंगल बेंच के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी जिसमें शरद यादव को सरकारी आवास में रहने की छूट दी गई थी. शरद यादव ने 2017 में याचिका दायर कर अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी. ये याचिका अभी लंबित है. शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि अयोग्य करार देने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

पढ़ें: केजरीवाल के खालिस्तानी अलगाववादियों से संबंध की जांच की मांग खारिज

शरद यादव की दलील का जदयू नेता रामचंद्र प्रसाद ने विरोध करते हुए कहा था कि शरद यादव ने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है. शरद यादव और दूसरे राज्यसभा सांसद अली अनवर को 4 दिसंबर 2017 को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़कर जब बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी तो शरद यादव विपक्षी दलों के साथ चले गए थे. इसके बाद जदयू ने राज्यसभा के सभापति से मांग की कि शरद यादव और अली अनवर ने स्वयं ही पार्टी छोड़कर विपक्षी दलों के कार्यक्रम में जाना शुरु कर दिया है, इसलिए उनकी राज्यसभा सदस्यता खत्म की जाए.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव को निर्देश दिया है कि वे 15 दिनों के अंदर सरकारी आवास खाली करें. हाईकोर्ट ने ये आदेश शरद यादव से सरकारी बंगला खाली कराने की केंद्र सरकार की मांग पर सुनवाई करते हुए दिया है.

हाईकोर्ट ने 24 फरवरी को शरद यादव को नोटिस जारी किया था. केंद्र सरकार ने सिंगल बेंच के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी जिसमें शरद यादव को सरकारी आवास में रहने की छूट दी गई थी. शरद यादव ने 2017 में याचिका दायर कर अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी. ये याचिका अभी लंबित है. शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि अयोग्य करार देने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

पढ़ें: केजरीवाल के खालिस्तानी अलगाववादियों से संबंध की जांच की मांग खारिज

शरद यादव की दलील का जदयू नेता रामचंद्र प्रसाद ने विरोध करते हुए कहा था कि शरद यादव ने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है. शरद यादव और दूसरे राज्यसभा सांसद अली अनवर को 4 दिसंबर 2017 को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़कर जब बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी तो शरद यादव विपक्षी दलों के साथ चले गए थे. इसके बाद जदयू ने राज्यसभा के सभापति से मांग की कि शरद यादव और अली अनवर ने स्वयं ही पार्टी छोड़कर विपक्षी दलों के कार्यक्रम में जाना शुरु कर दिया है, इसलिए उनकी राज्यसभा सदस्यता खत्म की जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.