नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे निर्माण श्रमिकों के 15,791 बच्चों को 12.35 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप प्रदान की. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह राशि निर्माण श्रमिकों के बच्चों के सपनों को उड़ान देगी और भविष्य को बेहतर बनाने में उनकी मदद करेगी. उन्होंने कहा कि बच्चे पढ़ाई में बेहतर करते रहे. दिल्ली सरकार कभी भी पैसों की तंगी को उनके सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बनने देगी. स्कॉलरशिप के तहत छठी से आठवीं तक के 8062 बच्चों को 4.8 करोड़ रुपये, नौवी और दसवीं में पढ़ रहे 4,888 बच्चों को 4.1 करोड़ रुपये व 11वीं एवं 12वीं के 2841 बच्चों को 3.4 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई.
सिसोदिया ने कहा कि इस योजना के तहत सरकार पहली से आठवीं तक के बच्चों को सालाना छह हजार रुपये, नौवीं व दसवीं के बच्चों को सालाना 8, 400 रुपये व 11वीं एवं 12वीं के बच्चों को सालाना 12,000 रुपये की स्कॉलरशिप देती है. इस वित्तीय सहायता का उद्देश्य निर्माण श्रमिकों के बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रखने का मौका देने के लिए है. उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी बच्चे अपने सपनों को पूरा करने के लिए पढ़े और दिल्ली सरकार भी उनके सपनों को पूरा करने हेतु उन्हें दुनिया की सबसे बढ़िया पढ़ाई उपलब्ध करवाएगी.
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इस योजना के तहत मंगलवार को 15, 791 बच्चों को 12.35 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप प्रदान की. दिल्ली सरकार, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कक्षावार 500 रुपये से 1000 रुपये प्रतिमाह स्कॉलरशिप के रूप में देती है. वे बच्चे जिनके पेरेंट्स किसी भी निर्माण साईट पर राजमिस्त्री, बेलदार, कंक्रीट मिक्सर, बार-बाइंडर, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, गार्ड इत्यादि का काम करते हैं. वे इस स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं. उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने छात्रों से अगले सेशन के स्कॉलरशिप लिए समय पर आवेदन करने व दूसरों को जागरूक करते हुए इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया. नए सत्र में इस स्कॉलरशिप के लिए 15 दिनों के भीतर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
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एसकेवी नेहरू विहार में पढ़ने वाली हायाल्वी ने बताया कि मेरा भाई स्कूल से वापस आते समय घायल हो गया और अब वह चलने में सक्षम नहीं है. माता-पिता की कमाई का सारा पैसा उसके इलाज में चला जाता है. हम कुछ भी नहीं बचा पा रहे हैं. मैं इस स्कॉलरशिप को बचाउंगी ताकि इससे मुझे भविष्य में हायर एजुकेशन में मदद मिले. वहीं सर्वोदय बाल विद्यालय बुराड़ी में 12वीं में पढ़ने वाले आदित्य कुमार का कहते है कि मेरा परिवार मेरी उच्च शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकता. मैं इस पैसे को अभी के लिए बचाऊंगा और इसे आगे MBA करने में उपयोग करूंगा.