नई दिल्ली: महामारी की शक्ल ले चुकी कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी राजधानी दिल्ली में तेजी से फैल रही है. जिसे लेकर अब एक बार फिर दिल्ली में राजनीति तेज हो गई है. नॉर्थ और साउथ एमसीडी की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों की बात की जाए तो नॉर्थ एमसीडी के क्षेत्र में 263 लोगों की मृत्यु कोरोना से हुई है.
वहीं साउथ एमसीडी के क्षेत्र में 302 लोगों की मृत्यु कोरोना की वजह से हुई. यानी कुल मिलाकर 565 लोगों की मृत्यु नॉर्थ और साउथ एमसीडी के क्षेत्र में 21 मई तक हो चुकी है. जबकि दिल्ली सरकार के अनुसार मौत के आंकड़ा 231 है.
निगम और सरकार के आंकड़ों में अंतर
नॉर्थ और साउथ एमसीडी के द्वारा कोरोना से हुई मौतों के जो आंकड़े जारी किए गए हैं. इन आंकड़ों में दिल्ली के सभी प्रमुख श्मशान घाट और कब्रिस्तान जिनमें निगमबोध घाट, पंजाबी बाग श्मशान घाट, आईटीओ कब्रिस्तान जैसी सभी जगहों के आंकड़े शामिल हैं. इसके बाद ये सवाल उठ रहा है कि आखिरकार दिल्ली सरकार और नगर निगम के आंकड़ों में इतना बड़ा अंतर कैसे है. जिसे लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति हो रही है.
'दिल्ली की स्थिति भयानक'
नॉर्थ एमसीडी के डिप्टी स्टैंडिंग चेयरमैन विपिन मल्होत्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि राजधानी दिल्ली की स्थिति मौजूदा समय मे भयावह हो चुकी है. केजरीवाल सरकार लगातार कोरोना से हुई मौतों के असली आंकड़े राजधानी दिल्ली की मासूम जनता से छुपा रही है. जो दिखाता है कि अरविंद केजरीवाल किस तरह मौत के आंकड़ों पर गंदी राजनीति कर रहे हैं. मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील करता हूं कि कोरोना से हो रही मौतों के सही आंकड़े लेकर दिल्ली की जनता के सामने आएं और उन्हें बताएं कि ये समस्या कितनी भयानक है.
केजरीवाल सरकार पर आरोप
विपिन मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की वजह से स्थिति काफी ज्यादा भयावह हो गई है. नॉर्थ ओर साउथ एमसीडी से आए मौत के आंकड़ों और दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए जा रहे मौत के आंकड़ों में जमीन-आसमान का अंतर है. अरविंद केजरीवाल की सरकार अपनी प्रशासनिक विफलता को छुपाने के लिए झूठे आंकड़ें दिखा रही है और दिल्ली की जनता के साथ छल कपट की राजनीति कर रही है.