नई दिल्ली: दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ दिल्ली में स्पेशल टास्क फोर्स गठित की जाएगी. दिल्ली सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. दिल्ली डिजास्टर मैनजेमेंट ऑथोरिटी की तरफ से कहा गया है कि सभी डीएम डीसीपी की मदद लेकर स्पेशल टास्क फोर्स गठित करें. दिल्ली सरकार ने उन दवाइयों की कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए यह कदम उठाया है, जो कोरोना संक्रमण के इस दौर में जान बचाने वाली मानी जा रही हैं.
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दिल्ली-NCR से लगातार रेमेडेसीवर की कालाबाजारी के कई मामले सामने आए हैं. इसके कई डोज पुलिस ने जब्त भी किए हैं और कई लोग गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं. जब्त की दवाइयां मालखाने में जमा होने से उनका इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा है. जबकि राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन और बेड्स की ही किल्लत नहीं है, बल्की दवाइयों की भी भारी किल्लत हो गई है. यहां तक कि रेमेडेसीवर की एक डोज 18-18 हजार में बेची गई है.
सख्त कार्रवाई के आदेश
डीडीएमए द्वारा जारी आदेश के अनुसार, स्पेशल टास्क फोर्स का मुख्य काम होगा कोरोना मरीज़ों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई का निरीक्षण करना, चेकिंग करना और जरूरी हो तो छापेमारी करना. इन सब के जरिए टास्क फोर्स इन दवाओं की कालाबाज़ारी और होर्डिंग रोकने के लिए जिम्मेदार होगी. इन दवाओं की कालाबाजारी और होर्डिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी.
हर दिन देनी होगी रिपोर्ट
इसके अलावा, दिल्ली सरकार के ड्रग्स कंट्रोलर को भी निरीक्षण और छापेमारी के लिए पर्याप्त टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है. दिल्ली सरकार के ड्रग्स कंट्रोलर हर दिन एक एक्शन टेकन रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भेजेंगे. इसी तरह सभी डीएम हर दिन एक्शन टेकन रिपोर्ट डिविज़नल कमिश्नर के दफ्तर भेजेंगे और डिविज़नल कमिश्नर सभी ज़िलों की एक संकलित रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भेजेंगे.