नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार पर संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी का आरोप लगाया है. दिल्ली सरकार ने 2020 में पांचवें वित्त आयोग का गठन करना था, लेकिन अभी तक आयोग का गठन नहीं किया गया. आयोग ही तय करता है कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली नगर निगम को किस अनुपात में करों का वितरण किया जाएगा. दिल्ली सरकार ने जानबूझ कर आयाेग का गठन नहीं किया ताकि तीनों नगर निगमों को आर्थिक संकट में फंसाए रखा जाए.
बिधूड़ी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिल्ली नगर निगमों को आर्थिक संकट से निकालने के लिए कोई वैकल्पिक कदम उठाने का अनुरोध किया है. नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (1) में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का यह दायित्व है कि प्रत्येक पांच साल में राज्य वित्त आयोग का गठन करे. सभी राज्यों की यह संवैधानिक जिम्मेदारी है कि उन्हें यह आयोग बनाना ही होता है. दिल्ली में 2016 में चौथे वित्त आयोग का गठन किया गया था, जिसने 2018 में अपनी रिपोर्ट दे दी थी. पांचवे वित्त आयोग काे 2020 में गठित करना था ताकि अप्रैल 2021 से मार्च 2026 तक की अवधि के लिए उसकी सिफारिशों को लागू किया जाए.
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गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में बिधूड़ी ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम भारी वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने जानबूझ कर ऐसी स्थिति पैदा की है कि नगर निगमों को काम करने में मुश्किल आए. इसलिए केंद्र से अनुरोध है कि वह उपराज्यपाल को निर्देश दें कि दिल्ली में पांचवें वित्त आयोग के गठन के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं.
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बिधूड़ी ने यह सुझाव भी दिया है कि दिल्ली सरकार की संकीर्ण राजनीति को देखते हुए केंद्र सरकार को वैकल्पिक उपाय करने चाहिए ताकि दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगमों को फंड जारी न करने की स्थिति में केंद्र सरकार से सीधे मदद मिल सके. नगर निगमों के विभाजन से पूर्व केंद्र ही दिल्ली नगर निगम की वित्तीय जरूरतों को पूरा करता था.