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LNJP अस्पताल में बदल गया कोरोना मृतक का शव, अंतिम संस्कार के बाद खुलासा - corona death delhi

दिल्ली में कोरोना मैनेजमेंट को लेकर पहले ही सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. अब पूरे मामले में हैरान करने वाली बात यह भी है कि मौत के 70 घंटे बाद कोरोना रिपोर्ट आई, जिसमें पता चला कि मृतक को कोरोना था.

Corona dead body changed in lnjp hospital
LNJP अस्पताल में बदल गया कोरोना मृतक का शव, अंतिम संस्कार के बाद हुआ खुलासा
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Published : Jun 8, 2020, 8:34 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल एलएनजेपी में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां गलती से कोरोना मृतक का शव ही बदल गया और परिजनों को किसी और का शव सौंप दिया गया. परिजनों ने भी शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया.

इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. हालांकि अस्पताल का फोरेंसिक विभाग इसे परिवार की गलती बता कर आगे से सीसीटीवी की निगरानी में पहचान कराने की बात कह रहा है. मामला जामा मस्जिद इलाके का है.

मौत के 70 घंटे बाद आई रिपोर्ट

जामा मस्जिद इलाके के नईमुद्दीन को इलाज के लिए 2 जून को एलएनजेपी में भर्ती करवाया गया. उनके भाई अमीनउद्दीन ने कहा कि पहले तो उनके भाई को एडमिट करने से मना कर दिया गया, लेकिन बाद में एडमिट कर लिया गया.

उनके भाई का बीपी कम हो रहा था और सांस लेने में दिक्कत आ रही थी. मरीज को शाम चार बजे एडमिट किया और रात साढ़े सात बजे उसकी मौत हो गई. परिजनों ने डेड बॉडी मांगी तो कहा गया कि अब कोविड जांच के बाद ही शव सौंपा जाएगा. मौत के 70 घंटे के बाद नईमुद्दीन के भाई को 6 जून को बताया गया कि रिपोर्ट पॉजिटिव है.

अस्पताल प्रशासन बता रहा परिजनों की गलती

अमीनुद्दीन ने बताया कि जब वे मॉर्चरी गए तो उन्हें डेडबॉडी नहीं मिली. उन्हें बताया गया कि डेड बॉडी नहीं मिल रही है आप रविवार को आएं. रविवार को भी जब शव नहीं मिला तो पता चला कि नईमुद्दीन के नाम से दो डेडबॉडी थीं.

इसमें से एक शव शनिवार को उसके परिजन को सौंप दिया गया है. परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया, जबकि असल में अस्पताल की मोर्चरी में रखा शव दूसरे परिवार से संबंधित था.

इस पर अस्पताल की तरफ से बताया गया कि कोरोना के डर के मारे परिजन शव की सही तरह से पहचान नहीं कर पा रहे हैं. भविष्य में ऐसी गलती न ही इसके लिए शवों की पहचान सीसीटीवी की निगरानी में करवाई जाएगी.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल एलएनजेपी में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां गलती से कोरोना मृतक का शव ही बदल गया और परिजनों को किसी और का शव सौंप दिया गया. परिजनों ने भी शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया.

इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. हालांकि अस्पताल का फोरेंसिक विभाग इसे परिवार की गलती बता कर आगे से सीसीटीवी की निगरानी में पहचान कराने की बात कह रहा है. मामला जामा मस्जिद इलाके का है.

मौत के 70 घंटे बाद आई रिपोर्ट

जामा मस्जिद इलाके के नईमुद्दीन को इलाज के लिए 2 जून को एलएनजेपी में भर्ती करवाया गया. उनके भाई अमीनउद्दीन ने कहा कि पहले तो उनके भाई को एडमिट करने से मना कर दिया गया, लेकिन बाद में एडमिट कर लिया गया.

उनके भाई का बीपी कम हो रहा था और सांस लेने में दिक्कत आ रही थी. मरीज को शाम चार बजे एडमिट किया और रात साढ़े सात बजे उसकी मौत हो गई. परिजनों ने डेड बॉडी मांगी तो कहा गया कि अब कोविड जांच के बाद ही शव सौंपा जाएगा. मौत के 70 घंटे के बाद नईमुद्दीन के भाई को 6 जून को बताया गया कि रिपोर्ट पॉजिटिव है.

अस्पताल प्रशासन बता रहा परिजनों की गलती

अमीनुद्दीन ने बताया कि जब वे मॉर्चरी गए तो उन्हें डेडबॉडी नहीं मिली. उन्हें बताया गया कि डेड बॉडी नहीं मिल रही है आप रविवार को आएं. रविवार को भी जब शव नहीं मिला तो पता चला कि नईमुद्दीन के नाम से दो डेडबॉडी थीं.

इसमें से एक शव शनिवार को उसके परिजन को सौंप दिया गया है. परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया, जबकि असल में अस्पताल की मोर्चरी में रखा शव दूसरे परिवार से संबंधित था.

इस पर अस्पताल की तरफ से बताया गया कि कोरोना के डर के मारे परिजन शव की सही तरह से पहचान नहीं कर पा रहे हैं. भविष्य में ऐसी गलती न ही इसके लिए शवों की पहचान सीसीटीवी की निगरानी में करवाई जाएगी.

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