नई दिल्ली : क्रिकेटर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की ओर से दायर एक करोड़ 63 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में गुरुवार को क्रिकेटर मृगांक सिंह (Mrigank Singh) ने दिल्ली की साकेत कोर्ट (Delhi Saket court) में गवाहों की सूची दाखिल की. उसके बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभितेष कुमार ने गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 23 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया.
एक अगस्त को कोर्ट ने आरोपी मृगांक सिंह को अपने पक्ष में गवाहों की सूची पेश करने का निर्देश दिया था. ऋषभ पंत की शिकायत के मुताबिक मृगांक सिंह ने उसे अच्छी कीमत पर महंगी घड़ियां दिलाने की पेशकश की थी. इसके अलावा मृगांक ने पंत से गहने समेत महंगी वस्तुएं भी ली थीं, जिसे उसने नहीं लौटाया. शिकायत के मुताबिक, मृगांक सिंह ने पंत को बताया कि उसने लग्जरी घड़ियां, बैग,आभूषण खरीदने और बेचने का व्यवसाय शुरू किया है. उसने पंत से झूठे वादे किए कि वह उनके लिए बहुत सस्ते दामों पर लग्जरी घड़ियां और अन्य सामान खरीद सकता है. इसके बाद ऋषभ पंत ने मृगांक सिंह को एक बड़ी राशि ट्रांसफर कर दिया. इसके अलावा उन्होंने कुछ कीमती सामान भी मृगांक को दिए, ताकि वह उन सामानों को फिर से बेचकर पंत को भारी मुनाफा दे सके.
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पैसे के लेनदेन को लेकर जब विवाद आगे बढ़ा, तो ऋषभ पंत ने मृगांक सिंह को लीगल नोटिस भेजा। तब दोनों के बीच एक करोड़ 63 लाख रुपये लौटाने को लेक समझौता हुआ। जिसके आधार पर मृगांक सिंह ने ऋषभ पंत को चेक जारी किया। जब ऋषभ पंत ने इस चेक को बैंक में लगाया तो वो चेक बाउंस हो गया। उसके बाद ऋषभ ने साकेत कोर्ट में चेक बाउंस का केस दर्ज कराया.