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कोरोना से श्मशान में भी दहशत, शवों को जलाने से डर रहे कर्मचारी - कोरोना पॉजिटिव

कोरोना काल में वैसे तो पूरा देश ही परेशान है लेकिन श्मशान कर्मियों को कुछ ज्यादा ही परेशानी हो रही है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करें और क्या ना करें.

Cremation ghat employees are afraid
शवों को जलाने से डर रहे कर्मचारी
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Published : May 30, 2020, 8:01 PM IST

नई दिल्ली: दिलशाद गार्डन श्मशान घाट में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है. तब से इस श्मशान घाट में 200 से भी ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो चुका है, लेकिन कर्मचारियों में डर का माहौल है क्योंकि श्मशान घाट में आने वाले शवों का पता ही नहीं चलता कि कौन सा कोरोना पॉजिटिव है और कौन सा नहीं. ऐसे में वो सीमित संसाधनों में जितनी सावधानी बरत सकते हैंं, उतनी बरत तो रहे हैं लेकिन फिर भी डर बहुत लग रहा है.

शवों को जलाने से डर रहे कर्मचारी
संस्कार के 8 दिन बाद निकला कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों का कहना है कि पिछले दिनों तो एक आदमी के संस्कार के आठ दिन बाद उनकी रिपोर्ट आई, इसलिए वो अब अस्पताल से आने वाले शवों की पर्ची के साथ ही घर से आने वाले शवों के परिजनों के आई कार्ड लेते हैं, लेकिन उसके बाद भी डर लगा ही रहता है.

नई दिल्ली: दिलशाद गार्डन श्मशान घाट में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है. तब से इस श्मशान घाट में 200 से भी ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो चुका है, लेकिन कर्मचारियों में डर का माहौल है क्योंकि श्मशान घाट में आने वाले शवों का पता ही नहीं चलता कि कौन सा कोरोना पॉजिटिव है और कौन सा नहीं. ऐसे में वो सीमित संसाधनों में जितनी सावधानी बरत सकते हैंं, उतनी बरत तो रहे हैं लेकिन फिर भी डर बहुत लग रहा है.

शवों को जलाने से डर रहे कर्मचारी
संस्कार के 8 दिन बाद निकला कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों का कहना है कि पिछले दिनों तो एक आदमी के संस्कार के आठ दिन बाद उनकी रिपोर्ट आई, इसलिए वो अब अस्पताल से आने वाले शवों की पर्ची के साथ ही घर से आने वाले शवों के परिजनों के आई कार्ड लेते हैं, लेकिन उसके बाद भी डर लगा ही रहता है.
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