नई दिल्ली: दिलशाद गार्डन इलाके में रहने वाला एक परिवार अपने 70 साल के बुजुर्ग पिता को सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया की शिकायत के बाद जीटीबी अस्पताल लेकर पहुंचा था. जहां 16 नवंबर को परिजनों ने उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती करा दिया परिजनों का आरोप है कि उस दिन देर रात तक भी उन्हें मरीज के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. देर रात में उन्होंने जब वीडियो कॉल किया, तब उन्हें जाकर इसके बारे में पता लगा और कुछ ही देर बाद उन्हें जानकारी मिली के उनका मरीज वार्ड से अचानक कहीं गायब हो गया है.
परिजनों का आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में सभी तरफ बारीकी से तलाश कर लिया, लेकिन उनका मरीज कहीं नहीं मिला. इतना ही नहीं परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही की वजह से उनका मरीज वहां से गायब हुआ है, जबकि वह खुद से चलने में भी असमर्थ है.
अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसकी लापरवाही से मरीज लापता हुआ. घंटों गुजरने के बाद भी जब मरीज का कोई पता नहीं चला और न ही अस्पताल प्रशासन से कोई संतोषजनक जवाब मिला तो परिजनों ने इसकी शिकायत जीटीबी एनक्लेव थाने में दे दी. वहीं परिजन अभी भी अस्पताल में अपने मरीज की तलाश में भटक कर रहे हैं, साथ ही अस्पताल में मौजूद सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है.
उधर अस्पताल से कोविड संदिग्ध मरीज के लापता होने के संबंध में जब अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर से बात की गई, तो उन्होंने इस बाबत डिप्टी एमएस के पास भेजा. इस बारे में डिप्टी एमएस राजेश कालरा ने जानकारी देते हुए बताया कि जो पेशेंट वार्ड से मिसिंग कहे जाने की बात सामने आ रही थी, वह दरअसल किसी तरह से वहां से हटकर नीचे की तरफ चले गए और वहां गिरने की वजह से उनकी मौत हो गई.
इस बारे में यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर वह वार्ड से कैसे नीचे तक पहुंचे. इसके अलावा वार्ड में मौजूद नर्स और डॉक्टर उनको भी तलब किया गया है, ताकि सच्चाई सामने आ सके. इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन इस पूरे मामले की जांच करा रहा है कि आखिर इस पूरे मामले में लापरवाही कहां से हुई है.
एक तरफ जहां अस्पताल के डिप्टी एमएस मरीज के मौत हो जाने की बात कहते रहे वहीं दूसरी तरफ परिजन लगातार अपने मरीज की मौत या फिर उनके बारे में कोई भी जानकारी मिलने से इंकार करते रहे और इस पूरे मामले के अंदर जिस तरह से अस्पताल प्रशासन लीपापोती कर रहा है, वह कहीं ना कहीं हैरान और परेशान कर देने वाला है क्योंकि जीटीबी अस्पताल मौजूदा समय में पूरी तरह से हॉस्पिटल है और ऐसे में अगर यहां पर इस तरह की लापरवाही होती है, यह अपने आप में उनके परिजनों के लिए भी परेशान कर देने वाली खबर है.