नई दिल्ली: कोरोना मरीजों को अब अस्पताल पहुंचते ही 15 मिनट के अंदर भर्ती करना होगा और 1 घंटे के भीतर इलाज शुरू करना होगा. मरीज को सुबह की चाय, नाश्ता, लंच, शाम की चाय, रात का भोजन और फल की सुविधा अस्पताल को ही देनी होगी.
दिशा-निर्देश के मुताबिक किसी भी कोरोना मरीज के अस्पताल पहुंचते ही उसे एंबुलेंस से अस्पताल के स्टाफ द्वारा 15 मिनट के अंदर ले आना होगा और मरीज को लेटने या बैठने की जगह देनी होगी. मरीज की स्थिति पर ध्यान देना होगा कि कहीं उसकी हालत गंभीर तो नहीं है.
'60 मिनट में शुरू करना होगा ईलाज'
दिशा-निर्देश के मुताबिक कोरोना मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के साथ ही नाश्ता देना होगा और 60 मिनट के अंदर इलाज शुरू करना होगा. जो भी डॉक्टर मरीज देख रहे हैं वे तुरंत वरिष्ठ विशेषज्ञ से सलाह लेकर तय करेंगे कि कोरोना मरीज की स्थिति कैसी है. कोरोना मरीज की स्थिति जानकर बेड दिया जाएगा.
मरीज की स्थिति के अनुसार बेड को परिवर्तित करना होगा. ताकि मरीज को जरूरत के मुताबिक बेहद सुविधा युक्त बेड मिल सके. अगर मरीज की हालत गंभीर है और ज्यादा सुविधाएं अस्पताल की जरूरत है तो दूसरे अस्पताल में भेजने का प्रबंध भी उसी अस्पताल को करना होगा. दूसरे अस्पताल में भेजे जाने तक मेडिकल सुविधा जारी रखें.
'24 घंटे जारी रहने वाला हो हेल्पलाइन नंबर'
प्रत्येक अस्पताल को 24 घंटे जारी रहने वाला एक हेल्पलाइन नंबर सभी कोरोना मरीजों को देना होगा. ताकि पर्याप्त चिकित्सा, भोजन, बेड नहीं मिलने या बेड मिलने में अनावश्यक देरी होने पर, सफाई की सुविधा कम होने पर मरीज इस नंबर पर अस्पताल प्रशासन को सूचित कर पाएगा.
बता दें कि पिछले दिनों सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने यहां एक डिस्पले बोर्ड इस जानकारी के साथ लगाएं कि अस्पताल में कितने बेड खाली हैं, कितने नहीं. ताकि अगर अस्पताल प्रशासन की किसी कमी या लापरवाही की शिकायत मरीज करना चाहें तो वे कर सकें.