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छावला: बिना छत के बस स्टैंड खोल रहे दिल्ली सरकार की पोल - दिल्ली परिवहन विभाग

यह बस स्टैंड काफी पुराना हो चुका है. बस स्टैंड पर रुकने वाली बसों के नंबर भी नहीं लिखे गए हैं. प्रशासन ने बस स्टैंड के साइड में बसों की संख्या दर्शाने के लिए एक छोटे से बोर्ड पर बसों के नंबर लिखकर इतिश्री कर ली है.

chhawla camp bus stand in pathetic condition
बिना छत के बस स्टैंड खोल रहे दिल्ली सरकार की पोल
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Published : Mar 30, 2020, 8:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने परिवहन व्यवस्था को चकाचक करने के लिए कई कदम उठा लिए हैं, लेकिन कई बस स्डैंड हैं जो अभी भी बदहाली के आंसू बहा रहे हैं. द्वारका स्थित छावला बीएसएफ कैंप के बस स्टैंड की हालत बहुत ही जर्जर हो चुकी है. बस स्टैंड की छत जंग लगने से टूट कर गिर गई है. इसके कारण बस स्टैंड का पूरा ढांचा चरमरा कर टूटने की स्थिति में आ गया है.

वीडियो रिपोर्ट

पक्षियों की बीट से सन रहे कपड़े
बस स्टैंड के बगल में पीपल का पेड़ है. कई पक्षी इस पर बैठते हैं और नीचे खड़ें लोगों पर बीट कर देते हैं. लोगों कहना है कि ना तो पेड़ कटवा सकते हैं और ना ही पक्षियों का पेड़ पर बैठना बंद करवा सकते हैं. हालांकि बस स्टैंड पर छत जरूर लगवाई जा सकती है, लेकिन संबंधित विभाग इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा.

काफी पुराना है बस स्टैंड
आपको बता दें कि यह बस स्टैंड काफी पुराना हो चुका है. बस स्टैंड पर रुकने वाली बसों के नंबर भी नहीं लिखे गए हैं. प्रशासन ने बस स्टैंड के साइड में बसों की संख्या दर्शाने के लिए एक छोटे से बोर्ड पर बसों के नंबर लिखकर इतिश्री कर ली है जो आने-जाने वाले यात्रियों को दिखते ही नहीं हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने परिवहन व्यवस्था को चकाचक करने के लिए कई कदम उठा लिए हैं, लेकिन कई बस स्डैंड हैं जो अभी भी बदहाली के आंसू बहा रहे हैं. द्वारका स्थित छावला बीएसएफ कैंप के बस स्टैंड की हालत बहुत ही जर्जर हो चुकी है. बस स्टैंड की छत जंग लगने से टूट कर गिर गई है. इसके कारण बस स्टैंड का पूरा ढांचा चरमरा कर टूटने की स्थिति में आ गया है.

वीडियो रिपोर्ट

पक्षियों की बीट से सन रहे कपड़े
बस स्टैंड के बगल में पीपल का पेड़ है. कई पक्षी इस पर बैठते हैं और नीचे खड़ें लोगों पर बीट कर देते हैं. लोगों कहना है कि ना तो पेड़ कटवा सकते हैं और ना ही पक्षियों का पेड़ पर बैठना बंद करवा सकते हैं. हालांकि बस स्टैंड पर छत जरूर लगवाई जा सकती है, लेकिन संबंधित विभाग इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा.

काफी पुराना है बस स्टैंड
आपको बता दें कि यह बस स्टैंड काफी पुराना हो चुका है. बस स्टैंड पर रुकने वाली बसों के नंबर भी नहीं लिखे गए हैं. प्रशासन ने बस स्टैंड के साइड में बसों की संख्या दर्शाने के लिए एक छोटे से बोर्ड पर बसों के नंबर लिखकर इतिश्री कर ली है जो आने-जाने वाले यात्रियों को दिखते ही नहीं हैं.

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