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क्रिप्टो करेंसी में फेक प्रॉफिट दिखा कर लोगों से ठगी करने वाला गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी में फेक प्रॉफिट(Fake profit in crypto currency) दिखाकर लोगों से ठगी के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी बोलने- सुनने में असमर्थ है लेकिन अच्छी तरह से हिंदी और अंग्रेजी लिख - पढ़ सकता है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान संजीव कुमार सिंह के रूप में हुई है. यह हरियाणा के गुरुग्राम में रहता है और मूलतः बिहार के समस्तीपुर स्थित बिशुनपुर बेरी गाँव का रहने वाला है.

ठग गिरफ्तार
ठग गिरफ्तार
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Published : Sep 15, 2022, 10:14 PM IST

नई दिल्ली : द्वारका जिले की साइबर थाने की पुलिस (cyber police station) ने क्रिप्टो करेंसी में फेक प्रॉफिट का झांसा देकर लोगों से ठगी के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी बोलने- सुनने में असमर्थ है लेकिन अच्छी तरह से हिंदी और अंग्रेजी लिख-पढ़ सकता है. वह ठगी के पैसों में से अपना कमीशन काट कर शेश पैसे को इस ठगी की मास्टरमाइंड महिला को भेज देता था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान संजीव कुमार सिंह के रूप में हुई है. यह हरियाणा के गुरुग्राम में रहता है और मूलतः बिहार के समस्तीपुर स्थित बिशुनपुर बेरी गाँव का रहने वाला है.

डीसीपी एम. हर्षवर्धन के अनुसार, साइबर थाने की पुलिस को दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि इंस्टाग्राम पर डायना नाम की एक महिला ने उससे संपर्क किया था. उसने क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट को लेकर टेलीग्राम एकाउन्ट का एक लिंक शिकायतकर्ता के साथ शेयर किया था. इसके बाद आरोपी ने शेयर किए गए लिंक coinoptions-trade.com पर उसकी एक आईडी बना दी और उसे बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के लिए 10 हजार रुपये भेजने को कहा.

अगले दिन वेबसाइट पर बनी उसकी आईडी पर ढाई लाख रुपए का प्रॉफिट दिख रहा था. इसके बाद उसके डायना से टेलीग्राम पर सम्पर्क कर पैसे निकालने के बारे में पूछा. जिसके लिए डायना ने कई तरह के चार्ज और फीस के रूप में उससे एक लाख 30 हजार रुपए ऐंठ लिए, लेकिन उसे कोई भी भुगतान प्राप्त नहीं हुआ. कुछ समय के बाद वो वेबसाइट भी बंद हो गई. ठगी का एहसास होने पर शिकायतकर्त्ता ने साइबर थाने को इसकी शिकायत दी. 19 जुलाई को साइबर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. मामले में जांच के लिए एक टीम का गठन कर जांच में लगाया गया.

ये भी देखें : द्वारका पुलिस ने लूट के मामले में तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार


जांच के दौरान पुलिस टीम ने बेनिफिसरी बैंक एकाउंट की डिटेल और कथित नम्बर की सीडीआर और सीएएफ की जानकारी हासिल कर उनका विश्लेषण किया. तकनीकी विश्लेषण और निगरानी के आधार पर पुलिस टीम ने गुरुग्राम के उद्योग विहार में छापा मार कर एक शख्स को हिरासत में लिया, जिसकी पहचान संजीव कुमार के रूप में हुई.

पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह ई-कॉमर्स रिटेल का एम्प्लॉई है, और पैकेज के क्यूआर कोड की स्कैनिंग का काम करता है. उसने बताया कि टेलीग्राम के माध्यम से वह डायना नाम की महिला के संपर्क में आया, जिसने उसे बताया कि वह यूएसए में रहती है. महिला ने उसे भारतीय बैंक खाते उपलब्ध करवाने के लिये कहा, जिसमें उनके क्लाइंट भुगतान कर सकें. इसके लिए महिला ने उस प्रति ट्रांजेक्शन चार-पांच प्रतिशत कमीशन का लालच दिया. इसके बाद आरोपी ने उसे अपने बैंक खातों की जानकारी दे दी.

एकाउंट में पैसे आने के बाद आरोपी, अपना कमीशन काट कर, Bitane, Zabpay आदि एप्लिकेशंस पर बिटकॉइन खरीदता था और फिर उसे डायना के बिटकॉइन एड्रेस पर भेज देता था. पता चला है कि आरोपी के पास आधे दर्जन से ज्यादा बैंक एकाउंट हैं, जिनका वह ठगी के लिए इस्तेमाल करता था. उसके पास से एक मोबाइल फोन, अलग-अलग बैंकों के पांच डेबिट कार्ड और 02 चेक बुक बरामद किये गए. उसके मोबाइल फोन की जांच में 15 से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग एप्लिकेशन इंस्टॉल पाया गया. मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.

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नई दिल्ली : द्वारका जिले की साइबर थाने की पुलिस (cyber police station) ने क्रिप्टो करेंसी में फेक प्रॉफिट का झांसा देकर लोगों से ठगी के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी बोलने- सुनने में असमर्थ है लेकिन अच्छी तरह से हिंदी और अंग्रेजी लिख-पढ़ सकता है. वह ठगी के पैसों में से अपना कमीशन काट कर शेश पैसे को इस ठगी की मास्टरमाइंड महिला को भेज देता था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान संजीव कुमार सिंह के रूप में हुई है. यह हरियाणा के गुरुग्राम में रहता है और मूलतः बिहार के समस्तीपुर स्थित बिशुनपुर बेरी गाँव का रहने वाला है.

डीसीपी एम. हर्षवर्धन के अनुसार, साइबर थाने की पुलिस को दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि इंस्टाग्राम पर डायना नाम की एक महिला ने उससे संपर्क किया था. उसने क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट को लेकर टेलीग्राम एकाउन्ट का एक लिंक शिकायतकर्ता के साथ शेयर किया था. इसके बाद आरोपी ने शेयर किए गए लिंक coinoptions-trade.com पर उसकी एक आईडी बना दी और उसे बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के लिए 10 हजार रुपये भेजने को कहा.

अगले दिन वेबसाइट पर बनी उसकी आईडी पर ढाई लाख रुपए का प्रॉफिट दिख रहा था. इसके बाद उसके डायना से टेलीग्राम पर सम्पर्क कर पैसे निकालने के बारे में पूछा. जिसके लिए डायना ने कई तरह के चार्ज और फीस के रूप में उससे एक लाख 30 हजार रुपए ऐंठ लिए, लेकिन उसे कोई भी भुगतान प्राप्त नहीं हुआ. कुछ समय के बाद वो वेबसाइट भी बंद हो गई. ठगी का एहसास होने पर शिकायतकर्त्ता ने साइबर थाने को इसकी शिकायत दी. 19 जुलाई को साइबर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. मामले में जांच के लिए एक टीम का गठन कर जांच में लगाया गया.

ये भी देखें : द्वारका पुलिस ने लूट के मामले में तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार


जांच के दौरान पुलिस टीम ने बेनिफिसरी बैंक एकाउंट की डिटेल और कथित नम्बर की सीडीआर और सीएएफ की जानकारी हासिल कर उनका विश्लेषण किया. तकनीकी विश्लेषण और निगरानी के आधार पर पुलिस टीम ने गुरुग्राम के उद्योग विहार में छापा मार कर एक शख्स को हिरासत में लिया, जिसकी पहचान संजीव कुमार के रूप में हुई.

पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह ई-कॉमर्स रिटेल का एम्प्लॉई है, और पैकेज के क्यूआर कोड की स्कैनिंग का काम करता है. उसने बताया कि टेलीग्राम के माध्यम से वह डायना नाम की महिला के संपर्क में आया, जिसने उसे बताया कि वह यूएसए में रहती है. महिला ने उसे भारतीय बैंक खाते उपलब्ध करवाने के लिये कहा, जिसमें उनके क्लाइंट भुगतान कर सकें. इसके लिए महिला ने उस प्रति ट्रांजेक्शन चार-पांच प्रतिशत कमीशन का लालच दिया. इसके बाद आरोपी ने उसे अपने बैंक खातों की जानकारी दे दी.

एकाउंट में पैसे आने के बाद आरोपी, अपना कमीशन काट कर, Bitane, Zabpay आदि एप्लिकेशंस पर बिटकॉइन खरीदता था और फिर उसे डायना के बिटकॉइन एड्रेस पर भेज देता था. पता चला है कि आरोपी के पास आधे दर्जन से ज्यादा बैंक एकाउंट हैं, जिनका वह ठगी के लिए इस्तेमाल करता था. उसके पास से एक मोबाइल फोन, अलग-अलग बैंकों के पांच डेबिट कार्ड और 02 चेक बुक बरामद किये गए. उसके मोबाइल फोन की जांच में 15 से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग एप्लिकेशन इंस्टॉल पाया गया. मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.

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