नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को प्राईवेट डिटेक्टिव्स की गतिविधियों को रेगुलेट करने की मांग पर प्रतिवेदन की तरह विचार करने का निर्देश दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि ये नीतिगत मामला है और कोर्ट इसमें कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है.
याचिकाकर्ता राधा बिष्ट द्वारा दायर याचिका में वकील प्रीति सिंह के जरिये कहा कि 2007 में निजी डिटेक्टिव एजेंसीज रेगुलेशन बिल लाया गया था, लेकिन वो 13 साल के बाद भी कानून नहीं बन पाया. निजी डिटेक्टिव कानून के अभाव में लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक करते हैं और चोरी छुपे उनकी तस्वीरें और फोटो लेकर उन्हें सार्वजनिक करते हैं.
याचिका में कहा गया था कि कानून नहीं होने की वजह से इस मामले में पीड़ित अपनी शिकायत कहीं नहीं रख पाते हैं. याचिका में याचिकाकर्ता महिला ने कहा था कि कुछ निजी डिटेक्टिव्स ने उन्हें अपना शिकार बनाया. उनके पति निजी डिटेक्टिव की मदद से उनका पीछा करते हैं. निजी डिटेक्टिव उनकी निजता का उल्लंघन करते हैं और सार्वजनिक रुप से बदनाम करते हैं. ऐसा करना संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है.
प्राईवेट डिटेक्टिव्स को रेगुलेट करने की मांग पर विचार करे केंद्र सरकार- हाईकोर्ट - Demand for regulating the central government private detectives
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा प्राईवेट डिटेक्टिव्स की गतिविधियों को रेगुलेट करने की मांग पर प्रतिवेदन की तरह विचार करने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया गया है.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को प्राईवेट डिटेक्टिव्स की गतिविधियों को रेगुलेट करने की मांग पर प्रतिवेदन की तरह विचार करने का निर्देश दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि ये नीतिगत मामला है और कोर्ट इसमें कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है.
याचिकाकर्ता राधा बिष्ट द्वारा दायर याचिका में वकील प्रीति सिंह के जरिये कहा कि 2007 में निजी डिटेक्टिव एजेंसीज रेगुलेशन बिल लाया गया था, लेकिन वो 13 साल के बाद भी कानून नहीं बन पाया. निजी डिटेक्टिव कानून के अभाव में लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक करते हैं और चोरी छुपे उनकी तस्वीरें और फोटो लेकर उन्हें सार्वजनिक करते हैं.
याचिका में कहा गया था कि कानून नहीं होने की वजह से इस मामले में पीड़ित अपनी शिकायत कहीं नहीं रख पाते हैं. याचिका में याचिकाकर्ता महिला ने कहा था कि कुछ निजी डिटेक्टिव्स ने उन्हें अपना शिकार बनाया. उनके पति निजी डिटेक्टिव की मदद से उनका पीछा करते हैं. निजी डिटेक्टिव उनकी निजता का उल्लंघन करते हैं और सार्वजनिक रुप से बदनाम करते हैं. ऐसा करना संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है.