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कैट का मेट्रो-एजी पर FDI फेमा के उल्लंघन का आरोप, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से जांच की मांग

देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत की है. दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में व्यापार करने वाली मेट्रो-एजी कंपनी पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए फेमा ओर एफडीआई नियमों के बड़े स्तर पर उल्लंघन का आरोप है.

एफडीआई फेमा के उल्लंघन का आरोप
एफडीआई फेमा के उल्लंघन का आरोप
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Published : Jun 30, 2022, 10:53 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी समेत विभिन्न राज्यों में व्यापार कर रही मेट्रो-एजी कंपनी के खिलाफ देश के बड़े व्यापारी संगठनों में से कैट के द्वारा बकायदा पत्र लिखकर केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री पीयूष गोयल को शिकायत की गई है. इसमें मेट्रो-एजी कंपनी के खातों की जांच करने का आग्रह किया गया है. प्रवीन खंडेलवाल का आरोप है कि मेट्रो-एजी कंपनी के द्वारा केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए एफडीई और फेमा के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे कि केंद्र सरकार के साथ-साथ व्यापारियों वर्ग को भी नुकसान हो रहा है.

प्रवीण खंडेलवाल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एफडीआई पॉलिसी के तहत विदेशी कंपनियां कैश टू कैरी के अनुसार, b2b व्यापार ही कर सकती हैं. इसमें एक बाध्यता यह भी है कि जिस भी कंपनी को व्यापार के लिए सामान दिया जाएगा उसका जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर होना आवश्यक है. जिसे साबित होगा कि होलसेल व्यापार हो रहा है. लेकिन मेट्रो एजी कंपनी के द्वारा राजधानी दिल्ली समेत देशभर के विभिन्न राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए इन सभी नियमों का बड़े स्तर पर उल्लंघन किए जाने के साथ मनमर्जी ढंग से काम किया जा रहा है.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री से खास बातचीत

इसका सीधा नुकसान दिल्ली के रिटेल व्यापारी वर्ग को हो रहा है और उनका व्यापार से 60से 70% तक प्रभावित हो रहा है. इस तरह के नियमों के उल्लंघन से ना सिर्फ व्यापारियों का नुकसान हो रहा है बल्कि केंद्र सरकार को भी जीएसटी टैक्स कलेक्शन में बड़े स्तर पर नुकसान हो रहा है. मेट्रो एजी होलसेल कंपनी के द्वारा सिर्फ होलसेल में ही नहीं बल्कि रिटेल में भी व्यापार किया जा रहा और आम आदमियों को भी सम्मान दिया जा रहा है कि जो कि नियमों के खिलाफ है. जब जीएसटी के रजिस्ट्रेशन नंबर के बिना मेट्रो एजी कंपनी के द्वारा किसी भी व्यापारी को सामना बेचा ही नहीं जा सकता तो आम व्यक्ति मेट्रो एजी से होलसेल के दामों पर बिना जीएसटी नम्बर के कैसे सामान खरीद रहा है. आमतौर पर एक जीएसटी नंबर पर एक ही कार्ड जारी किया जाता है लेकिन मेट्रो एजी में एक जीएसटी नंबर पर ऐड ऑन करके कई कार्ड जारी किए जा रहे हैं.

पूरे मामले को लेकर देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक कैट के द्वारा बकायदा लिखित तौर पर देश के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजकर मेट्रो एजी कंपनी के कामकाज की जांच करने का आग्रह किया है. साथ ही यह भी कहा यदि नियमों का उल्लंघन करके बिक्री की जा रही है. तो उस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए आज देश का एक आम व्यापारी सभी नियमों का पालन कर व्यापार करके सरकार को टैक्स दे रहा है. जबकि, मेट्रो एजी जैसी कंपनी नियमों का बड़े स्तर पर उल्लंघन कर विदेशी कंपनियों से इन्वेस्टमेंट कराकर बड़े स्तर पर न सिर्फ मुनाफा कमा रही है बल्कि नियमों का उल्लंघन भी कर रही है.

इसे भी पढे़ं: एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर-21 और 25 के बीच ट्रायल रन की शुरुआत

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नई दिल्ली : राजधानी समेत विभिन्न राज्यों में व्यापार कर रही मेट्रो-एजी कंपनी के खिलाफ देश के बड़े व्यापारी संगठनों में से कैट के द्वारा बकायदा पत्र लिखकर केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री पीयूष गोयल को शिकायत की गई है. इसमें मेट्रो-एजी कंपनी के खातों की जांच करने का आग्रह किया गया है. प्रवीन खंडेलवाल का आरोप है कि मेट्रो-एजी कंपनी के द्वारा केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए एफडीई और फेमा के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे कि केंद्र सरकार के साथ-साथ व्यापारियों वर्ग को भी नुकसान हो रहा है.

प्रवीण खंडेलवाल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एफडीआई पॉलिसी के तहत विदेशी कंपनियां कैश टू कैरी के अनुसार, b2b व्यापार ही कर सकती हैं. इसमें एक बाध्यता यह भी है कि जिस भी कंपनी को व्यापार के लिए सामान दिया जाएगा उसका जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर होना आवश्यक है. जिसे साबित होगा कि होलसेल व्यापार हो रहा है. लेकिन मेट्रो एजी कंपनी के द्वारा राजधानी दिल्ली समेत देशभर के विभिन्न राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए इन सभी नियमों का बड़े स्तर पर उल्लंघन किए जाने के साथ मनमर्जी ढंग से काम किया जा रहा है.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री से खास बातचीत

इसका सीधा नुकसान दिल्ली के रिटेल व्यापारी वर्ग को हो रहा है और उनका व्यापार से 60से 70% तक प्रभावित हो रहा है. इस तरह के नियमों के उल्लंघन से ना सिर्फ व्यापारियों का नुकसान हो रहा है बल्कि केंद्र सरकार को भी जीएसटी टैक्स कलेक्शन में बड़े स्तर पर नुकसान हो रहा है. मेट्रो एजी होलसेल कंपनी के द्वारा सिर्फ होलसेल में ही नहीं बल्कि रिटेल में भी व्यापार किया जा रहा और आम आदमियों को भी सम्मान दिया जा रहा है कि जो कि नियमों के खिलाफ है. जब जीएसटी के रजिस्ट्रेशन नंबर के बिना मेट्रो एजी कंपनी के द्वारा किसी भी व्यापारी को सामना बेचा ही नहीं जा सकता तो आम व्यक्ति मेट्रो एजी से होलसेल के दामों पर बिना जीएसटी नम्बर के कैसे सामान खरीद रहा है. आमतौर पर एक जीएसटी नंबर पर एक ही कार्ड जारी किया जाता है लेकिन मेट्रो एजी में एक जीएसटी नंबर पर ऐड ऑन करके कई कार्ड जारी किए जा रहे हैं.

पूरे मामले को लेकर देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक कैट के द्वारा बकायदा लिखित तौर पर देश के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजकर मेट्रो एजी कंपनी के कामकाज की जांच करने का आग्रह किया है. साथ ही यह भी कहा यदि नियमों का उल्लंघन करके बिक्री की जा रही है. तो उस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए आज देश का एक आम व्यापारी सभी नियमों का पालन कर व्यापार करके सरकार को टैक्स दे रहा है. जबकि, मेट्रो एजी जैसी कंपनी नियमों का बड़े स्तर पर उल्लंघन कर विदेशी कंपनियों से इन्वेस्टमेंट कराकर बड़े स्तर पर न सिर्फ मुनाफा कमा रही है बल्कि नियमों का उल्लंघन भी कर रही है.

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