नई दिल्लीः कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर गैर जरूरी कानूनों को खत्म करने की नीति बनाने को लेकर धन्यवाद किया है. संगठन ने जीएसटी कानून में 7 कंप्लायंस खत्म करने की भी अपील की है. साथ ही कहा है कि देशभर के व्यापारियों के लिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन सिस्टम तैयार किया जाए. व्यापारियों के लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया का भी सरलीकरण किया जाए.
जीएसटी कानून व नियमों को किया जाए सरल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में पीएलआई पर आयोजित एक वेबिनार में भारत में व्यापार करने में आसानी की सुविधा के लिए केंद्र और राज्य स्तर के कानूनों के तहत सरकार की लगभग 6,000 अनुपालन को समाप्त करने की योजना का स्वागत करते हुए, इसे प्रगतिशील कदम बताया है.
इसी श्रृंखला में पीएम का ध्यान जीएसटी कानूनों और नियमों का पालन करने में विभिन्न स्तरों पर लगभग 60 प्रकार के अनुपालन की ओर दिलाया है. आग्रह किया है कि इनमें गैर जरूरी अनुपालन के प्रावधानों को ख़त्म कर जीएसटी क़ानून एवं नियमों को सरल बनाया जाए. जीएसटी कर प्रणाली की समीक्षा की जाए. कैट ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया है कि व्यापार करने के लिए विभिन्न प्रकार के करीब 28 लाइसेंस के स्थान पर एक लाइसेंस प्रणाली को शुरू किया जाए.
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व्यापारी कर रहे सालाना 80 लाख करोड़ रुपये का कारोबार
प्रवीण खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र में बताया कि देश में लगभग 8 करोड़ व्यापारी प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर रहे हैं. इसमें किसी भी प्रकार की सहायता बेहद नगण्य है. यदि व्यापार करने में गैर जरूरी पालनाओं को समाप्त किया जाता है, तो यह सेक्टर बहुत बेहतर व्यापार करने में सक्षम है.
देश में छोटे व्यवसायों को व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए विभिन्न स्तरों पर लगभग 28 प्रकार के लाइसेंस प्राप्त करने होते हैं. इनमें से अधिकांश का वार्षिक नवीकरण होता है. इन सभी लाइसेंसों की जगह एक लाइसेंस प्रणाली को शुरू किया जाए, तो देश में घरेलू व्यापार के प्रतिमान में बदलाव आएगा.
वहीं, देश भर में व्यापार एवं सेवा प्रदान करने वाले सभी प्रतिष्ठानों को एक केंद्रीय पंजीकरण नंबर दिया जाए और किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि को शुरू करने के लिए इस पंजीकरण को आधार कार्ड की तर्ज़ पर मान्यता देते हुए आवश्यक किया जाए.