नई दिल्ली: एक तरफ देश में चीन बायकॉट को लेकर मुहिम छिड़ी हुई है, तो दूसरी ओर चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने आईसीआईसीआई बैंक में निवेश किया है. जिसको लेकर व्यापारी संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने विरोध जताया है और सरकार से आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक में चीनी निवेश को वापस कराने का आग्रह किया है.
'भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में घुसपैठ'
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कैट की तरफ से लगातार चीनी सामान को लेकर बहिष्कार के लिए मुहिम चलाई जा रही है. ऐसे में चीन बौखला गया है और एक गलत रणनीति के तहत भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में घुसपैठ करने के लिए सुनियोजित रणनीति तैयार कर रहा है. जबकि देश का बैंकिंग सेक्टर काफी अच्छी तरीके से विनियमित है. उन्होंने कहा कि सरकार ने भले ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की जांच करने के लिए एक पॉलिसी बनाई थी. लेकिन चीन से आने वाले धन को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक की ओर से अभी तक कुछ भी ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष का क्या है कहना
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने कहा कि भारत के बैंकिंग क्षेत्र में चीन के इस तरीके से अचानक निवेश से पूरे बैकिंग क्षेत्र और भारतीय रिजर्व बैंक के लिए एक मजबूत खतरे की घंटी है. भारत के बैंकिंग क्षेत्र का संरक्षण किसी भी विदेशी निवेश के लिए खतरा है. चीन एक खरतनाक रणनीति के तहत ये कर रहा है, जो देश के लिए हानिकारक हो सकता है. इसलिए हम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह करते हैं कि इस मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए चीन के किए गए निवेश को वापस करवाया जाए.