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महीनों से हो रहा है पुश्ता रोड का चौड़ीकरण, अधूरे काम से लोग परेशान

तिमारपुर, बुराड़ी और नरेला विधानसभा को जोड़ने वाली पुश्ता रोड निर्माण कार्य के चलते बदहाल है. यहां से गुजरने वाले लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

burari yamuna pushta in bad condition of delhi
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Published : Oct 9, 2021, 8:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना के किनारे बना पुश्ता तिमारपुर, बुराड़ी और नरेला विधानसभा को आपस में जोड़ता है. हाल ही में इस पुश्ता के चौड़े होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुश्ता निर्माण कार्य के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से दिन भर यहां धूल का गुबार उठता रहता है. लोग यहां गिरकर घायल हो जाते हैं. ई-रिक्शा चालकों का आरोप है कि वे जितना कमाते हैं, रिक्शे की मरम्मत में खर्च कर देते हैं. पुश्ता के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट जलती नहीं है. शाम होते ही हादसे होने लगते हैं, जिसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है.

बुराड़ी, तिमारपुर और नरेला विधानसभा को जोड़ने वाला यह पुश्ता करीब 15 किलोमीटर लंबा है. इसके चौड़ीकरण के कार्य को करीब आठ से 10 महीने का समय हो चुका है. क्षेत्र के लोग ज्यादातर इस पुश्ते को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करते हैं ताकि जाम की समस्या से निजात मिल सके. फिलहाल चौड़ीकरण का काम चलने की वजह से इलाके के लोग काफी परेशान हैं. दिन भर धूल के गुबार उठते हैं, जिससे बुजुर्ग और बच्चे सभी परेशान हैं.

पुश्ता रोड़ निर्माण कार्य के चलते बदहाल

घरों में धूल उड़ती है. जिससे बीमार लोगों को काफी परेशानी होती है. लोगों की मांग है कि चौड़ीकरण का काम होने के कारण पुश्ता पर पानी का छिड़काव करना अनिवार्य है. दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण कार्य, पराली जलाने, डीजल वाहनों के इस्तेमाल आदि पर प्रतिबंध लगा रही है, लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है.


ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि निर्माण कार्य के चलते बड़े-बड़े गड्ढे इस पुश्ता रोड में हो गए हैं, जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं. कई बार रिक्शा सवार भी घायल हो जाते हैं. ई-रिक्शा चालकों को काफी परेशानी होती है, जो आमदनी होती है वो ई-रिक्शा की मरम्मत में खर्च हो जाती है.

वहीं क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व लोगों के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं. यहां पेट्रोलिंग बढ़ाने की भी जरूरत है. साथ ही यहां जो स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, उन्हें भी ठीक किया जाए ताकि लोगों को अंधेरे में होने वाली दुर्घटनाओं से बचाया जा सके.

यह भी पढ़ें:- वजीराबाद रोड पर स्ट्रीट लाइट लगना शुरू, आपराधिक वारदातों पर लगेगी लगाम

पुश्ता के किनारे दर्जनों गांव और कई कॉलोनियां हैं. ज्यादातर लोग इस पुश्ता का इस्तेमाल परिवहन के लिए करते हैं. इस मार्ग पर बाहरी रिंग रोड से लोग जाम से बचने के लिए भी आते हैं, जिससे शाम होते ही यहां जाम लग जाता है. बुराड़ी में जाम की समस्या आम है. लोग पहले से ही जाम से परेशान हैं. चौड़ीकरण के काम ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है. अब लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द पुश्ते के काम को पूरा करें, ताकि लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सके.

नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना के किनारे बना पुश्ता तिमारपुर, बुराड़ी और नरेला विधानसभा को आपस में जोड़ता है. हाल ही में इस पुश्ता के चौड़े होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुश्ता निर्माण कार्य के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से दिन भर यहां धूल का गुबार उठता रहता है. लोग यहां गिरकर घायल हो जाते हैं. ई-रिक्शा चालकों का आरोप है कि वे जितना कमाते हैं, रिक्शे की मरम्मत में खर्च कर देते हैं. पुश्ता के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट जलती नहीं है. शाम होते ही हादसे होने लगते हैं, जिसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है.

बुराड़ी, तिमारपुर और नरेला विधानसभा को जोड़ने वाला यह पुश्ता करीब 15 किलोमीटर लंबा है. इसके चौड़ीकरण के कार्य को करीब आठ से 10 महीने का समय हो चुका है. क्षेत्र के लोग ज्यादातर इस पुश्ते को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करते हैं ताकि जाम की समस्या से निजात मिल सके. फिलहाल चौड़ीकरण का काम चलने की वजह से इलाके के लोग काफी परेशान हैं. दिन भर धूल के गुबार उठते हैं, जिससे बुजुर्ग और बच्चे सभी परेशान हैं.

पुश्ता रोड़ निर्माण कार्य के चलते बदहाल

घरों में धूल उड़ती है. जिससे बीमार लोगों को काफी परेशानी होती है. लोगों की मांग है कि चौड़ीकरण का काम होने के कारण पुश्ता पर पानी का छिड़काव करना अनिवार्य है. दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण कार्य, पराली जलाने, डीजल वाहनों के इस्तेमाल आदि पर प्रतिबंध लगा रही है, लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है.


ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि निर्माण कार्य के चलते बड़े-बड़े गड्ढे इस पुश्ता रोड में हो गए हैं, जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं. कई बार रिक्शा सवार भी घायल हो जाते हैं. ई-रिक्शा चालकों को काफी परेशानी होती है, जो आमदनी होती है वो ई-रिक्शा की मरम्मत में खर्च हो जाती है.

वहीं क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व लोगों के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं. यहां पेट्रोलिंग बढ़ाने की भी जरूरत है. साथ ही यहां जो स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, उन्हें भी ठीक किया जाए ताकि लोगों को अंधेरे में होने वाली दुर्घटनाओं से बचाया जा सके.

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पुश्ता के किनारे दर्जनों गांव और कई कॉलोनियां हैं. ज्यादातर लोग इस पुश्ता का इस्तेमाल परिवहन के लिए करते हैं. इस मार्ग पर बाहरी रिंग रोड से लोग जाम से बचने के लिए भी आते हैं, जिससे शाम होते ही यहां जाम लग जाता है. बुराड़ी में जाम की समस्या आम है. लोग पहले से ही जाम से परेशान हैं. चौड़ीकरण के काम ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है. अब लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द पुश्ते के काम को पूरा करें, ताकि लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सके.

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