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केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता को लूटा, सांसद मनोज तिवारी ने लगाया गंभीर आरोप

देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच में हर दिन के साथ सियासी खींचतान बढ़ती जा रही है. इस बीच दिल्ली से बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार पर 1,51,564 करोड़ रुपये के घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है.

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बीजेपी सांसद मनोज तिवारी
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Published : Aug 17, 2022, 8:52 PM IST

नई दिल्ली : बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार पर 1,51,564 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह घोटाला दिल्ली सरकार के सिर्फ तीन बड़े विभागों में किया गया है. पिछले चार सालों से दिल्ली सरकार ने ऑडिट रिपोर्ट क्यों नहीं दी. पिछले कई सालों से दिल्ली जल बोर्ड बैलेंस शीट क्यों नहीं बनाई गई. सीएजी के 22 पत्रों के बाद भी जल बोर्ड का ऑडिट क्यों नहीं हुआ. बिजली कंपनियों के साथ-साथ घोटाला करके दिल्ली की जनता को लूटा गया. उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों का अगले तीन दिन में जवाब न देने पर एलजी और सभी संबंधित विभागों से शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग करेंगे.

मनोज तिवारी ने कहा कि पूरे विषय के ऊपर दिल्ली के मुख्यमंत्री और बीजेपी का जवाब दें. अगर अगले 3 दिन में मुख्यमंत्री ने पूरे मामले पर जवाब नहीं दिया तो लोकायुक्त और अन्य संभागों के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चल रही दिल्ली सरकार की शिकायत करें, जिस तरह से हमने पहले भी शिकायत की है. मनोज तिवारी ने कहा कि हम इस मामले को एलजी के पास लेकर जाएंगे और उनसे प्रार्थना करेंगे कि वह स्पेशल फॉरेंसिक ऑडिट पूरे मामले पर करें. ताकि दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन और बिजली विभाग में जो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है उसका सच सबके सामने आए. भाजपा आपको यह चोरी कर भागने नहीं देगी.

मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के द्वारा यह कहा गया है कि 2019 तक बीटीसी को 38,756 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. जबकि 2020 मार्च के महीने तक ऑन रिकॉर्ड 5280.55 करोड रुपए का नुकसान हुआ है. दिल्ली सरकार द्वारा इस बात की जानकारी नहीं दी गई है. दिल्ली के सरकार द्वारा डीटीसी विभाग की बैलेंस शीट को आज तक जारी नहीं किया गया है. यह इस बात का प्रमाण है कि डीटीसी में कितने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है.

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी

इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड की बात की जाए तो आरटीआई लगाकर जो जानकारी मिली है. उसके मुताबिक, 57,895 करोड़ का लोन दिल्ली जल बोर्ड को दिया गया है. लेकिन पिछले कई सालों से दिल्ली जल बोर्ड का न तो ऑडिट करवाया गया है और न ही कोई बैलेंस शीट बनाई गई है. सीएजी द्वारा दिल्ली जल बोर्ड का ऑडिट कराये जाने को लेकर 22 बार पत्र लिखा गया, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया है. आखिर दिल्ली जल बोर्ड को इतना बड़ा लोन क्यों दिया गया और किस लिए दिया गया. दिल्ली जल बोर्ड ने इतनी बड़ी रकम से किया काम किया है. इसका भी कोई जवाब अभी तक नहीं दिया गया है. 2015-16 से दिल्ली जल बोर्ड की बैलेंस शीट भी नहीं बनाई गई है. सीधे तौर पर बताता है कि जल बोर्ड में न सिर्फ भ्रष्टाचार किया गया है बल्कि अरविंद केजरीवाल अराजकता फैला रहे हैं.दूसरा मुद्दा दिल्ली के अंदर बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने का है, जिसके नाम पर दिल्ली में एक बहुत बड़ा खेल हुआ है. दिल्ली की जनता को बोला गया कि बिजली हाफ पानी मांग लेकिन एक्चुअल में देखा जाए तो दिल्ली के अंदर चाहे वह आम आदमी हो किसानो वो दुकानदार व्यापारी हो या फिर इंटरेस्ट लिस्ट हो हर किसी को बिजली बिल के नाम पर लिखा गया है. 200 यूनिट फ्री बिजली देने के नाम पर एडीशनल चार्जेस लगाकर दिल्ली की जनता को लूटा गया है. 2015 से लेकर 21 के बीच में कुल 49,636 करोड रुपये दिल्ली की जनता से इन एडिशनल चार्जेस के रूप में वसूले गए हैं जो अपने आप में एक बड़ा घोटाला है.

नई दिल्ली : बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार पर 1,51,564 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह घोटाला दिल्ली सरकार के सिर्फ तीन बड़े विभागों में किया गया है. पिछले चार सालों से दिल्ली सरकार ने ऑडिट रिपोर्ट क्यों नहीं दी. पिछले कई सालों से दिल्ली जल बोर्ड बैलेंस शीट क्यों नहीं बनाई गई. सीएजी के 22 पत्रों के बाद भी जल बोर्ड का ऑडिट क्यों नहीं हुआ. बिजली कंपनियों के साथ-साथ घोटाला करके दिल्ली की जनता को लूटा गया. उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों का अगले तीन दिन में जवाब न देने पर एलजी और सभी संबंधित विभागों से शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग करेंगे.

मनोज तिवारी ने कहा कि पूरे विषय के ऊपर दिल्ली के मुख्यमंत्री और बीजेपी का जवाब दें. अगर अगले 3 दिन में मुख्यमंत्री ने पूरे मामले पर जवाब नहीं दिया तो लोकायुक्त और अन्य संभागों के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चल रही दिल्ली सरकार की शिकायत करें, जिस तरह से हमने पहले भी शिकायत की है. मनोज तिवारी ने कहा कि हम इस मामले को एलजी के पास लेकर जाएंगे और उनसे प्रार्थना करेंगे कि वह स्पेशल फॉरेंसिक ऑडिट पूरे मामले पर करें. ताकि दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन और बिजली विभाग में जो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है उसका सच सबके सामने आए. भाजपा आपको यह चोरी कर भागने नहीं देगी.

मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के द्वारा यह कहा गया है कि 2019 तक बीटीसी को 38,756 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. जबकि 2020 मार्च के महीने तक ऑन रिकॉर्ड 5280.55 करोड रुपए का नुकसान हुआ है. दिल्ली सरकार द्वारा इस बात की जानकारी नहीं दी गई है. दिल्ली के सरकार द्वारा डीटीसी विभाग की बैलेंस शीट को आज तक जारी नहीं किया गया है. यह इस बात का प्रमाण है कि डीटीसी में कितने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है.

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी

इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड की बात की जाए तो आरटीआई लगाकर जो जानकारी मिली है. उसके मुताबिक, 57,895 करोड़ का लोन दिल्ली जल बोर्ड को दिया गया है. लेकिन पिछले कई सालों से दिल्ली जल बोर्ड का न तो ऑडिट करवाया गया है और न ही कोई बैलेंस शीट बनाई गई है. सीएजी द्वारा दिल्ली जल बोर्ड का ऑडिट कराये जाने को लेकर 22 बार पत्र लिखा गया, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया है. आखिर दिल्ली जल बोर्ड को इतना बड़ा लोन क्यों दिया गया और किस लिए दिया गया. दिल्ली जल बोर्ड ने इतनी बड़ी रकम से किया काम किया है. इसका भी कोई जवाब अभी तक नहीं दिया गया है. 2015-16 से दिल्ली जल बोर्ड की बैलेंस शीट भी नहीं बनाई गई है. सीधे तौर पर बताता है कि जल बोर्ड में न सिर्फ भ्रष्टाचार किया गया है बल्कि अरविंद केजरीवाल अराजकता फैला रहे हैं.दूसरा मुद्दा दिल्ली के अंदर बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने का है, जिसके नाम पर दिल्ली में एक बहुत बड़ा खेल हुआ है. दिल्ली की जनता को बोला गया कि बिजली हाफ पानी मांग लेकिन एक्चुअल में देखा जाए तो दिल्ली के अंदर चाहे वह आम आदमी हो किसानो वो दुकानदार व्यापारी हो या फिर इंटरेस्ट लिस्ट हो हर किसी को बिजली बिल के नाम पर लिखा गया है. 200 यूनिट फ्री बिजली देने के नाम पर एडीशनल चार्जेस लगाकर दिल्ली की जनता को लूटा गया है. 2015 से लेकर 21 के बीच में कुल 49,636 करोड रुपये दिल्ली की जनता से इन एडिशनल चार्जेस के रूप में वसूले गए हैं जो अपने आप में एक बड़ा घोटाला है.
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