नई दिल्ली: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि केजरीवाल सरकार अपने कार्यकाल में कुछ भी ऐसा नहीं कर पाई, जिससे कि लोग याद रख सकें. केंद्र की मोदी सरकार ने जो काम किया है, उसके नतीजे भी बेहतर आए.
उन कार्यों को केजरीवाल सरकार अपने नाम कर दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रही है. पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि पिछले तीन सालों के दौरान दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कमी आई है और इसे अपनी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में गिनाया था.
दिल्ली के प्रदूषण में 25 फीसद की कमी
केजरीवाल ने यह भी कहा था कि दिल्ली सरकार ने भवन निर्माण को लेकर जो नए नियम बनाए थे. बदरपुर थर्मल पावर प्लांट और राजघाट थर्मल पावर प्लांट को बंद कर दिया गया था. दिल्ली में 24 घंटे निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति होने से जनरेटर का उपयोग बंद हो चुका. इन सबका असर दिल्ली की आबोहवा में हुआ और नतीजा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली के प्रदूषण में 25 फीसद की कमी होने की जिक्र किया है.
'प्रधानमंत्री सजग'
मंगलवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर मोदी सरकार के कामों का श्रेय अपने नाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण ना हो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी सजग थे. वह भी दिल्ली में ही रहते हैं. सत्ता में आने के बाद उन्होंने ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरीफेरल रोड का निर्माण कार्य पूरा करवाया.
इसी का नतीजा है कि जो प्रतिदिन 60 हजार से अधिक ट्रक पहले दिल्ली से होकर गुजरता था. अब बाहर से निकल जाता है. इससे प्रदूषण नहीं फैलता. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 पर जाम का जो हाल था उसे दूर करने के लिए वहां पर तेजी से निर्माण कार्य कराया.
'ईंधन ग्रेडिंग बढ़ाने का काम केंद्र सरकार ने किया'
मनोज तिवारी ने कहा नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के अधीन आने वाले बदरपुर और राजघाट पावर प्लांट को केंद्र सरकार ने बंद करवाए. वाहनों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन ग्रेडिंग बढ़ाने का काम केंद्र सरकार ने किया. केंद्र सरकार ने ऐसे कई काम किए जिसके चलते प्रदूषण में कमी आई है. मगर केजरीवाल सरकार सब कामों को अपना नाम देकर वाहवाही लूटना चाहती है. चोरी और झूठ में अरविंद केजरीवाल से डिप्लोमा कर रखे हैं, लेकिन दिल्ली की जनता अब केजरीवाल के छलावे में नहीं आने वाली है. चंद महीने केजरीवाल का कार्यकाल बचा है. जो केजरीवाल सरकार ग्रीन सेस के रूप में मिले एकत्रित दो हजार करोड़ रुपए का अभी तक कुछ इस्तेमाल नहीं कर पाई वह प्रदूषण की रोकथाम को लेकर क्या कर सकती है.