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बीआरटी रोड : साइकिल ट्रैक पर दौड़ती हैं बाइक, साइकिल सवारों को होती है परेशानी - cycle track

पिछले साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीआरटी रोड पर साइकिल ट्रैक का उद्घाटन किया था. इसके साथ ही रोड के आस-पास फुलवारी और पेड़ पौधे भी लगवाए थे. अब साइकिल ट्रैक पर बाइक चालकों का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. बीआरटी रोड पर सुबह-सुबह के वक्त लोग ऑफिस के लिए निकलते हैं, ट्रैफिक जाम होता है तो ज्यादातर मोटरसाइकिल चालक अपनी बाइक को साइकिल ट्रैक पर ले जाते हुए देखते हुए नजर आएंगे.

साइकिल चालकों को हो रही परेशानी
साइकिल चालकों को हो रही परेशानी
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Published : Aug 7, 2022, 9:09 PM IST

नई दिल्ली: पिछले साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीआरटी रोड पर साइकिल ट्रैक का उद्घाटन किया था. इसके साथ ही रोड के आस-पास फुलवारी और पेड़ पौधे भी लगवाए थे. अब साइकिल ट्रैक पर बाइक चालकों का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. बीआरटी रोड पर सुबह-सुबह के वक्त लोग ऑफिस के लिए निकलते हैं, ट्रैफिक जाम होता है तो ज्यादातर मोटरसाइकिल चालक अपनी बाइक को साइकिल ट्रैक पर ले जाते हुए देखते हुए नजर आएंगे.

कई बार तो यहां पर गार्ड्स भी रहते हैं. गार्ड मना भी करते हैं लेकिन इसके बावजूद बाइक सवार नहीं मानते. इतना ही नहीं कई बार तो गार्ड्स के साथ नोकझोंक भी हो चुकी है. जिसके बाद गार्ड्स भी बेचारे चुपचाप बैठे हुए विवश नजर आते हैं. इसी को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने गार्ड और साइकिल सवारों से बात की तो गार्ड्स का कहना था कि कई बार हमने मोटरसाइकिल चालकों को इस रास्ते से जाने से रोका है लेकर हमारे साथ मारपीट भी हुई है. इसलिए हम क्या कर सकते हैं जो बाइक सवार आते हैं इकट्ठे होते हैं और हमारे साथ अगर हमने ट्रैक पर जाने शुरू का तो हमारे साथ मारपीट भी कर देते हैं कोई बात मानने को तैयार नहीं है.

बीआरटी रोड साइकिल ट्रैक पर दौड़ती हैं बाइक
वैसे तो यह ट्रैक साइकिल चलाने वाले लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया था ताकि दुर्घटना से बचाया जा सके और साइकिल अपनी एक लाइन में चलाई जा सके लेकिन अब साइकिल के ट्रैक पर मोटरसाइकिल सवारों का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. सुबह शाम के वक्त जब लोग अपने ऑफिस के लिए निकलते हैं और ऑफिस से घर जाते हैं तो साइकिल की जगह साइकिल ट्रैक पर मोटरसाइकिल नजर आएंगी.

एक साइकिल सवार ने बताया कि वह भी अपनी ही लाइन में साइकिल चलाते हैं. लेकिन पीछे से तेजी में मोटरसाइकिल सवार आते हैं. कभी तो यह डर लगता है कि पता नहीं हमारे साथ कोई दुर्घटना ना हो जाए. कई बार गार्ड्स ने हमारे सामने मना भी किया है. लेकिन उल्टा ही लोग लड़ने और झगड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं. अगर यहां पर पुलिस के जवान रहे तो शायद लोगों में डर रहे. लेकिन एक प्राइवेट गार्ड की तो कोई भी नहीं सुनता है. कई बार तो साइकिल चालकों से भी बाइक वालों से लड़ाई भी हो चुकी है. लड़ने के साथ ही पिटाई करने पर भी उतारू हो जाते हैं. इसलिए हम तो सिर्फ अपना काम करते हैं और चुपचाप निकल जाते हैं.

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नई दिल्ली: पिछले साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीआरटी रोड पर साइकिल ट्रैक का उद्घाटन किया था. इसके साथ ही रोड के आस-पास फुलवारी और पेड़ पौधे भी लगवाए थे. अब साइकिल ट्रैक पर बाइक चालकों का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. बीआरटी रोड पर सुबह-सुबह के वक्त लोग ऑफिस के लिए निकलते हैं, ट्रैफिक जाम होता है तो ज्यादातर मोटरसाइकिल चालक अपनी बाइक को साइकिल ट्रैक पर ले जाते हुए देखते हुए नजर आएंगे.

कई बार तो यहां पर गार्ड्स भी रहते हैं. गार्ड मना भी करते हैं लेकिन इसके बावजूद बाइक सवार नहीं मानते. इतना ही नहीं कई बार तो गार्ड्स के साथ नोकझोंक भी हो चुकी है. जिसके बाद गार्ड्स भी बेचारे चुपचाप बैठे हुए विवश नजर आते हैं. इसी को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने गार्ड और साइकिल सवारों से बात की तो गार्ड्स का कहना था कि कई बार हमने मोटरसाइकिल चालकों को इस रास्ते से जाने से रोका है लेकर हमारे साथ मारपीट भी हुई है. इसलिए हम क्या कर सकते हैं जो बाइक सवार आते हैं इकट्ठे होते हैं और हमारे साथ अगर हमने ट्रैक पर जाने शुरू का तो हमारे साथ मारपीट भी कर देते हैं कोई बात मानने को तैयार नहीं है.

बीआरटी रोड साइकिल ट्रैक पर दौड़ती हैं बाइक
वैसे तो यह ट्रैक साइकिल चलाने वाले लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया था ताकि दुर्घटना से बचाया जा सके और साइकिल अपनी एक लाइन में चलाई जा सके लेकिन अब साइकिल के ट्रैक पर मोटरसाइकिल सवारों का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. सुबह शाम के वक्त जब लोग अपने ऑफिस के लिए निकलते हैं और ऑफिस से घर जाते हैं तो साइकिल की जगह साइकिल ट्रैक पर मोटरसाइकिल नजर आएंगी.

एक साइकिल सवार ने बताया कि वह भी अपनी ही लाइन में साइकिल चलाते हैं. लेकिन पीछे से तेजी में मोटरसाइकिल सवार आते हैं. कभी तो यह डर लगता है कि पता नहीं हमारे साथ कोई दुर्घटना ना हो जाए. कई बार गार्ड्स ने हमारे सामने मना भी किया है. लेकिन उल्टा ही लोग लड़ने और झगड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं. अगर यहां पर पुलिस के जवान रहे तो शायद लोगों में डर रहे. लेकिन एक प्राइवेट गार्ड की तो कोई भी नहीं सुनता है. कई बार तो साइकिल चालकों से भी बाइक वालों से लड़ाई भी हो चुकी है. लड़ने के साथ ही पिटाई करने पर भी उतारू हो जाते हैं. इसलिए हम तो सिर्फ अपना काम करते हैं और चुपचाप निकल जाते हैं.

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