नई दिल्ली: अमरोहा के बावनखेड़ी में 2008 में अपने ही परिवार के सात लोगों की निर्मम हत्या की दोषी शबनम को रामपुर की जेल से बरेली जेल में ट्रांसफर करने को वकील एपी सिंह ने मूल अधिकार का हनन बताया है. उन्होंने एमनेस्टी इंटरनेशनल से इस मामले पर ध्यान देने की मांग भी की है.
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जेल से ट्रांसफर करना गलत
एपी सिंह ने कहा कि शबनम की रामपुर की जेल में कोई शिकायत नहीं थी. उसका वहां जेल में मन लग गया था. ऐसे में केवल इस आरोप पर कि कुछ जेल कर्मचारियों ने उसका फोटो खींच लिया, उसकी वीडियो बनाई गई के आधार पर उसे ट्रांसफर करना गलत है.
सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं मालूम
एपी सिंह ने कहा कि हमारे देश में सोशल मीडिया का उपयोग और दुरुपयोग लोगों को मालूम नहीं है. उसका वीडियो डालने भर से बरेली जेल में ट्रांसफर करना उसके साथ मानसिक अत्याचार है. उन्होंने कहा कि शबनम जीवन और मौत की पतली डोर के बीच जी रही है. ऐसे में उसके साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है.
निर्भया के दोषियों के वकील
बता दें कि एपी सिंह वही वकील हैं, जिन्होंने निर्भया मामले के दोषियों की फांसी की सजा टालने के लिए अंतिम समय तक कोशिश की थी. हाल ही में एपी सिंह ने देश में फांसी की सजा को खत्म करने की मांग की थी.