नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर कल यानि 1 सितंबर तक के लिए सुनवाई टाल दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उन्होंने राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, उसी का कट एंड पेस्ट कर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. भूषण ने कहा कि उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा कि ये कानून का दुरुपयोग है. इस मामले में न तो याचिकाकर्ता ने और न ही सरकार ने बताया कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
प्रशांत भूषण की इस बात पर केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि वे इस तथ्य को नहीं जानते थे. तब भूषण ने कहा कि हमारा आरोप केंद्र सरकार के खिलाफ है. जब सुप्रीम कोर्ट में हमारी याचिका पर सुनवाई हुई थी तब केंद्र की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे और वे इस मामले को जानते थे. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई कल तक के लिए टाल दिया.
24 अगस्त सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती दी है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का आदेश दिया था. 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई से मना किया था और दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वे दो हफ्ते में उसका निपटारा करे. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को हाईकोर्ट में अपनी बात रखने का निर्देश दिया था.
पिछले 18 अगस्त को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका किसी और अदालत में भी लंबित है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि आप बताएं कि आपकी याचिका सुनवाई योग्य कैसे है.
याचिका दिल्ली के वकील बदले आलम ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को उनके रिटायर होने से महज चार दिन पहले 27 जुलाई को की गई है। उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह के फैसले में दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.