नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मर्लेना ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर-स्टैंडिंग काउंसिल की नियुक्ति प्रक्रिया को पूर्व एलजी ने मंजूरी दी थी. लिस्ट को दिल्ली उच्च न्यायालय के 40 जजों ने अनुमति दी, लेकिन नए उपराज्यपाल ने यह कह कर रोक लगा दी है कि अब वह फैसला करेंगे. अगर सरकारी वकीलों को नियुक्त करने की प्रक्रिया को और लंबित किया जाता है तो इससे नुकसान दिल्ली की जनता को होगा.
पार्टी की वरिष्ठ नेता व विधायक आतिशी ने पार्टी ऑफिस में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, स्टैंडिंग काउंसिल और एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल की प्रक्रिया 2021 में शुरू होने के बाद अधर में लटक गयी है. आतिशी ने बताया कि तत्कालीन एलजी को फाइल भेजी गई और उनका अप्रूवल लिया गया कि जो कमेटी पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, स्टैंडिंग काउंसिल और एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल का चयन करेगी उसको तब के एलजी ने अप्रूव किया. कमेटी बनी उसमें कानून मंत्री, कानून विभाग के प्रमुख सचिव, कानून विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव और एडीशनल सेक्रेट्री होम शामिल थे.
24 जून 2021 को तत्कालीन एलजी ने इस इलेक्शन कमेटी को मंजूरी दी. जब प्रक्रिया शुरू हुई तो दाे हजार से भी ज्यादा आवेदन इन पदों के लिए आए. जिन्होंने भी आवेदन किया उन सभी आवेदकों के इंटरव्यू लिए गए. आतिशी ने बताया कि चार नामों के अलावा बाकी सारे नाम उच्च न्यायालय ने अप्रूव किए. दिल्ली सरकार के पास वह नाम वापस आए. लेकिन इसके बाद जब दिल्ली सरकार ने नोटिफिकेशन इश्यू जारी करने से पहले एलजी को सूचित करने के लिए फाइल भेजी तो एलजी ने एक नया पिटारा खोल दिया है. एलजी कह रहे हैं कि मुझे सभी के बायोडाटा भेजो, मैं उन बायोडाटा को देखूंगा और मैं यह फैसला करूंगा की कौन एडिशनल स्टैंडिंग काउंसलर, स्टैंडिंग काउंसलर और पब्लिक प्रोसिक्यूटर हो सकता है.
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विधायक आतिशी ने कहा कि अगर वकीलों को नियुक्त करने की प्रक्रिया को और लंबित किया जाता है तो इससे नुकसान दिल्ली की जनता को होगा. दिल्ली में होने वाले सभी अपराधों के खिलाफ जब मामला कोर्ट जाता है तो उस मामले को पब्लिक प्रॉसिक्यूटर लड़ता है.
आतिशी ने कहा कि उपराज्यपाल से हाथ जोड़कर निवेदन किया है कि कृपया आप अपने अधिकार क्षेत्र में रहें. उस अधिकार क्षेत्र में दिल्ली के लोगों से जुड़ी हुई समस्याएं हैं, उन्हें सुलझाएं. दिल्ली की चुनी हुई सरकार के निर्णयों को पलटने की कोशिश ना करें, वरना नुकसान दिल्ली की जनता का होगा.
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