ETV Bharat / city

अलवर : आंगनबाड़ी के पोषाहार पर छाया संकट, कार्यकर्ताओं को दुकानदारों ने भी उधारी देने से किया इंकार

अलवर के रामगढ़ में आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओं की मीटिंग हुई. जिसमें आंगनबाड़ी में 9 महिने से नहीं हो रहे भुगतान नहीं होने की बात रखी गई. जिसके बाद महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बकाया भुगतान की मांग की गई है.

author img

By

Published : Dec 2, 2019, 6:24 PM IST

ramgarh alwar news, alwar news, angawadi of ramgarh alwar, अलवर न्यूज, रामगढ़ अलवर न्यूज,रामगढ़ आंगनवाड़ी की खबर
ramgarh alwar news, alwar news, angawadi of ramgarh alwar, अलवर न्यूज, रामगढ़ अलवर न्यूज,रामगढ़ आंगनवाड़ी की खबर

रामगढ़ (अलवर). आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वंय सहायता समूह की मीटिंग रखी गई. जिसमें आंगनबाड़ी की कार्यकर्ताओं ने कस्बे में पोषाहार और अन्य सामानों का भुगतान नहीं होने की समस्या बताई. महिलाओं ने कहा कि इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर छाया संकट

दरअसल गढ़ परियोजना के अंतर्गत 9 सेक्टरों में कुल 233 आंगन बड़ी केंद्र हैं. स्वयं सहायता समूहों ने भी पोषाहार बनाने में असमर्थता जताई है और दुकानदारों ने भी उधार देना बंद कर दिया है. महिलाओं का कहना है कि वह पहले अपना बकाया भुगतान मांग रहे हैं. पोषाहार नहीं बनने से आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति खराब होती जा रही है. कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी रामगढ़ पर सुनवाई नहीं की गई, तो वह अलवर जाकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

यह भी पढ़ें- अलवरः स्टेट हाईवे 25 को किया लोगों ने जाम, कहा- नहीं महसूस कर रहे हैं खुद को सुरक्षित

उन्होंने बताया कि बजट का अभाव बताते हुए कुल 9 महीने से भुगतान नहीं दिया का रहा हैं. सरकार हमसे समूह बनाओ, समूह में महिलाओं को जोड़ो, एमओयू बनाओ आदि काम तो करवा लेती हैं, लेकिन भुगतान के लिए अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं लेते. जब चाहते हैं रातों-रात एमओयू बनवाकर पोषाहार शुरू करवा देते हैं. अब एक-एक समूह का करीब एक से डेढ़ लाख रुपए बकाया चल रहा हैं. ऐसे में उधारी और ब्याज से कब तक काम चल सकता हैं.

रामगढ़ (अलवर). आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वंय सहायता समूह की मीटिंग रखी गई. जिसमें आंगनबाड़ी की कार्यकर्ताओं ने कस्बे में पोषाहार और अन्य सामानों का भुगतान नहीं होने की समस्या बताई. महिलाओं ने कहा कि इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर छाया संकट

दरअसल गढ़ परियोजना के अंतर्गत 9 सेक्टरों में कुल 233 आंगन बड़ी केंद्र हैं. स्वयं सहायता समूहों ने भी पोषाहार बनाने में असमर्थता जताई है और दुकानदारों ने भी उधार देना बंद कर दिया है. महिलाओं का कहना है कि वह पहले अपना बकाया भुगतान मांग रहे हैं. पोषाहार नहीं बनने से आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति खराब होती जा रही है. कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी रामगढ़ पर सुनवाई नहीं की गई, तो वह अलवर जाकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

यह भी पढ़ें- अलवरः स्टेट हाईवे 25 को किया लोगों ने जाम, कहा- नहीं महसूस कर रहे हैं खुद को सुरक्षित

उन्होंने बताया कि बजट का अभाव बताते हुए कुल 9 महीने से भुगतान नहीं दिया का रहा हैं. सरकार हमसे समूह बनाओ, समूह में महिलाओं को जोड़ो, एमओयू बनाओ आदि काम तो करवा लेती हैं, लेकिन भुगतान के लिए अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं लेते. जब चाहते हैं रातों-रात एमओयू बनवाकर पोषाहार शुरू करवा देते हैं. अब एक-एक समूह का करीब एक से डेढ़ लाख रुपए बकाया चल रहा हैं. ऐसे में उधारी और ब्याज से कब तक काम चल सकता हैं.

Intro:रामगढ़ में आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वंम सहायक समूह को सरकार की ओर से भुगतान नहीं मिलने के कारण पोषाहार पर संकट आ सकता है ।Body:कस्बे में आयोजित बैठक में पहुंचे।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष ललित शर्मा ने बताया कि मुबारिकपुर सेक्टर की आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओं ने आज रामगढ़ में मीटिंग कर रामगढ़ के महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बकाया भुगतान की मांग की। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वंम सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि रामगढ़ कस्बे में मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें पोषाहार सहित अन्य सामानों का भुगतान 9 माह से नहीं हो रहा है इसे उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।रामगढ परियोजना के अंतर्गत 9 सेक्टरों में कुल 233 आंगन बड़ी केंद्र हैं। स्वंम सहायता समूहों ने भी पोषाहार बनाने में असमर्थता जताई है और दुकानदारों ने भी उधार देना बंद कर दिया है। वह पहले अपना बकाया भुगतान मांग रहे हैं। पोषाहार नहीं बनने से आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति खराब होती जा रही है। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी रामगढ़ पर सुनवाई नहीं की गई तो वह अलवर जाकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।बकाया भुगतान को समय पर आंगनवाड़ी केंद्र सुचारू रूप से चल सके।उन्होंने बताया कि बजट का अभाव बताते हुए कुल 9 महीने से भुगतान नही दिया का रहा हैं। उन्होंने कहा सरकार हमसे समूह बनाओ,समूह में महिलाओं को जोड़ो,एमओयू बनाओ आदि काम तो करवा लेती हैं।लेकिन भुगतान के लिए अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं लेते।जब चाहते हैं रातो रात एमओयू बनवाकर पोषाहार शुरू करवा देते हैं। Conclusion:अब एक-एक समूह का करीब एक से डेढ़ लाख रुपये बाकी चल रहा हैं।ऐसे में उधारी और ब्याज से कब तक काम चल सकता हैं।इसकी जिम्मेदारी संबंधित सीडीपीओ की हैं।उन्हें चाहिए कि सरकार से बजट की मांग करे। नहीं तो धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा।इस दौरान मधुरानी,प्रकाश कौर, सिमा शर्मा, ममता कुमारी,निर्मल गर्ग, सुनीता, गीता जागिड़,शकुंतला देवी सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाए मौजूद रही।

(1)बाईट:---ललिता शर्मा(जिला अध्यक्ष)
(2)बाईट:---मुबारिक सेक्टर से आगनबाड़ी कार्यकर्ता
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.