न्यूयॉर्क: भारी छंटनी की आशंकाओं के बीच कारोबारी अर्थशास्त्रियों ने भविष्यवाणी की है कि उनकी कंपनियां आने वाले महीनों में पेरोल में कटौती करेंगी. अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अपने विचार रखे हैं. अमेरिका में टेक कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी के कारण भारतीयों पर असर पड़ रहा है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन व्यक्तिगत रूप से समझते हैं कि नौकरी छूटने से परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है.
पिछले कई हफ्तों में, Google, Microsoft और Amazon जैसे प्रमुख आईटी दिग्गजों ने हजारों तकनीकी पेशेवरों को निकाल दिया है, जिनमें से महत्वपूर्ण संख्या भारतीय-अमेरिकी या भारतीय आईटी पेशेवरों की हैं. इनमें से अधिकांश पेशेवर, जो H1 B Visa पर हैं, अगर वे कोई अन्य विकल्प नहीं खोज पाते हैं तो उन्हें 60 दिनों में देश छोड़ना पड़ता है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रपति खुद व्यक्तिगत रूप से इसे समझते हैं कि नौकरी छूटने का परिवार पर क्या प्रभाव पड़ सकता है.
166 टेक कंपनियों द्वारा 65,000 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है. अर्थशास्त्रियों के अनुसार, 2023 में बड़ी स्तर पर छंटनी की जाएगी. गूगल ने 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की. अमेजॉन ने पहले वैश्विक स्तर पर 18,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की, जिसमें भारत में लगभग 1,000 कर्मचारी शामिल थे. कंपनियों का कहना है कि मंदी के चलते वे लोगों को नौकरी से निकाल रही हैं. नई नौकरियों के लिए तलाश में जुटे भारतीयों ने कांग्रेस में निर्वाचित प्रतिनिधियों से वीजा अनुग्रह अवधि को 60 दिनों से आगे बढ़ाने के लिए कहा है.
(आईएएनएस)
पढ़ें : layoffs news : नए साल में टेक कंपनियों पर छाया मंदी का भूत, जानिए कहां चल रहा छंटनी का दौर...