मुंबई: भारत में महंगाई (Inflation) को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई ने पिछले हफ्ते हुई मीटिंग में रेपो रेट को नहीं बदला. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा. भारत में महंगाई पर इन दिनों लगाम लगी है, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यव्सथा वाला देश अमेरिका के सामने महंगाई एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है. इसी सिलसिले में अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व का कहना है कि महंगाई अभी बहुत ज्यादा बनी हुई है.
ऐसे में अमेरिकी फेडरल बैंक ब्याज दर को और बढ़ा सकती है. अमेरिकी फेडरल बैंक के चेयरमैन ने साफ-साफ कह दिया है कि महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि नई नौकरियां में कमी आती है और वेतन बढ़ने की रफ्तार कम होती है तो ऐसे में बैंक को ब्याज दरों को स्थिर रखने पर सोचना पड़ेगा.
22 सालों के उच्चतम स्तर पर महंगाई
बता दें कि अमेरिका में महंगाई 22 सालों के उच्चतम स्तर पर जा पहुंची है. मंहगे ब्याज दर ने दुनिया में मंदी का खतरा बढ़ा दिया है. अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा अर्थव्यव्सथा वाला देश है, अगर ब्याज दर बढ़ी तो इसका सीधा असर दूसरे देशों पर भी पड़ेगा. बता दें कि फेडरल बैंक ने 2 फीसदी महंगाी का अनुमान लगाया था, जो 4 फीसदी के आस-पास पहुंच गई है. वहीं, अमेरिका में पिछले साल 2022 में महंगाई दर 9.1 फीसदी हो गई थी, जो पिछले 42 साल में सबसे उच्च स्तर पर पहुंचा था.