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यूएई ने भारतीय गेहूं के निर्यात, पुनर्निर्यात को चार महीने के लिए निलंबित किया

क्योंकि भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा रखी है, इसलिए संयुक्त अरब अमीरात ने आयातित भारतीय गेहूं के पुनर्नियात और निर्यात, दोनों पर पाबंदी लगा दी है. यह पाबंदी चार महीनों के लिए लगाई गई है. इससे भारतीय गेहूं को यूएई के जरिये तीसरे देशों में नहीं पहुंचाया जा सकता है.

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Published : Jun 15, 2022, 8:11 PM IST

अबू धाबी/नई दिल्ली : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत से आने वाले गेहूं और आटे के निर्यात और पुनर्निर्यात को चार महीने के लिए निलंबित करने का आदेश दिया है. खाड़ी देश के आर्थिक मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. यह कदम, भारत द्वारा स्थानीय कीमतों में आई तेजी पर अंकुश के लिए पिछले महीने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद उठाया गया है. इससे भारतीय गेहूं को यूएई के जरिये तीसरे देशों में नहीं पहुंचाया जा सकता है.

इस प्रतिबंध को मंत्रालय ने 'स्थगन' कहा है. इसे 13 मई से लागू किया गया है. भारत ने रोक से पहले जारी किए गए साख पत्र (एलसी) के आधार पर गेहूं निर्यात की अनुमति दी है. इसके अलावा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले देशों को भी गेहूं का निर्यात किया जा सकता है.

उस समय से भारत ने 4,69,202 टन गेहूं के निर्यात करने की अनुमति दी है. संयुक्त अरब अमीरात के आर्थिक मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध गेहूं की सभी किस्मों पर लागू होता है. भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने फरवरी में एक दूसरे के सामान पर सभी शुल्कों को खत्म करने के लिए व्यापक आर्थिक भागीदारी व्यापार समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे और पांच साल के भीतर अपने वार्षिक व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था. यह समझौता एक मई से प्रभावी हुआ है.

मंत्रालय ने कहा, 'हालांकि, भारत के गेहूं और आटे की किस्मों का निर्यात / पुन: निर्यात (जिनका 13 मई, 2022 से पहले देश में आयात किया गया है) करने की इच्छुक कंपनियों को मंत्रालय के समक्ष आवेदन देकर इसे यूएई से बाहर निर्यात करने की अनुमति लेनी होगी. उन्हें सभी दस्तावेज और फाइलें जमा करनी होंगी जो निर्यात से संबंधित आंकड़ों यानी उसके मूल उत्पत्ति स्थल, लेन-देन की तारीख इत्यादि को सत्यापित कर सके.

अबू धाबी/नई दिल्ली : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत से आने वाले गेहूं और आटे के निर्यात और पुनर्निर्यात को चार महीने के लिए निलंबित करने का आदेश दिया है. खाड़ी देश के आर्थिक मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. यह कदम, भारत द्वारा स्थानीय कीमतों में आई तेजी पर अंकुश के लिए पिछले महीने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद उठाया गया है. इससे भारतीय गेहूं को यूएई के जरिये तीसरे देशों में नहीं पहुंचाया जा सकता है.

इस प्रतिबंध को मंत्रालय ने 'स्थगन' कहा है. इसे 13 मई से लागू किया गया है. भारत ने रोक से पहले जारी किए गए साख पत्र (एलसी) के आधार पर गेहूं निर्यात की अनुमति दी है. इसके अलावा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले देशों को भी गेहूं का निर्यात किया जा सकता है.

उस समय से भारत ने 4,69,202 टन गेहूं के निर्यात करने की अनुमति दी है. संयुक्त अरब अमीरात के आर्थिक मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध गेहूं की सभी किस्मों पर लागू होता है. भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने फरवरी में एक दूसरे के सामान पर सभी शुल्कों को खत्म करने के लिए व्यापक आर्थिक भागीदारी व्यापार समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे और पांच साल के भीतर अपने वार्षिक व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था. यह समझौता एक मई से प्रभावी हुआ है.

मंत्रालय ने कहा, 'हालांकि, भारत के गेहूं और आटे की किस्मों का निर्यात / पुन: निर्यात (जिनका 13 मई, 2022 से पहले देश में आयात किया गया है) करने की इच्छुक कंपनियों को मंत्रालय के समक्ष आवेदन देकर इसे यूएई से बाहर निर्यात करने की अनुमति लेनी होगी. उन्हें सभी दस्तावेज और फाइलें जमा करनी होंगी जो निर्यात से संबंधित आंकड़ों यानी उसके मूल उत्पत्ति स्थल, लेन-देन की तारीख इत्यादि को सत्यापित कर सके.

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