नई दिल्ली: दूरसंचार नियामक ट्राई (Telecom Regulator TRAI) ने दूरसंचार विभाग से रेडियो तरंगों (Radio waves) बिक्री की योजना बनाने के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी पर पिछले साल की गई अपनी सिफारिशों पर विचार करने के लिए कहा है. DoT के संयुक्त वायरलेस सलाहकार (Joint Wireless Consultants) गुलाब चंद ने इंडिया स्पेक्ट्रम मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस में एक पैनल चर्चा के दौरान कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के अंत या अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में स्पेक्ट्रम नीलामी आयोजित करने की पूरी कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) ने विभाग से पिछले साल 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए कम फ्रीक्वेंसी बैंड की सिफारिशों के साथ आगे बढ़ने के लिए कहा है. साथ ही नए फ्रीक्वेंसी बैंड के लिए मूल्य निर्धारण और अन्य तौर-तरीकों पर सुझाव देने में समय लगेगा.
इस साल नहीं हुई नीलामी तो अगले साल होगी
ट्राई ने कहा कि पुराने बैंड के लिए आरक्षित मूल्य, पात्रता मानदंड, सब कुछ आपके पास है. आप उन सभी शर्तों के साथ आगे क्यों नहीं बढ़ते और तुरंत नीलामी आयोजित नहीं करते. नए बैंड के लिए - क्यू (33-50 गीगाहर्ट्ज) बैंड और वी (40-75 गीगाहर्ट्ज़) बैंड के लिए, उन्हें अधिक समय की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि पहले निचले बैंड में आवंटित अधिकांश स्पेक्ट्रम इस वित्तीय वर्ष में समाप्त होने वाला है और दूरसंचार ऑपरेटर इसे फिर से हासिल करना चाहेंगे. चंद ने कहा कि हम नीलामी आयोजित करने की बहुत कोशिश कर रहे हैं. अगर इस वित्तीय वर्ष के भीतर नहीं तो शायद अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत में करेंगे.
बेस प्राइस सेट करने के लिए इंडेक्सिंग फॉर्मूला दिया
सितंबर 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि स्पेक्ट्रम नीलामी आम तौर पर हर वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में आयोजित की जानी चाहिए. सम्मेलन में उपस्थित ट्राई सचिव वी रघुनंदन ने कहा कि नियामक ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि यदि इस साल या अगले तीन वर्षों के भीतर स्पेक्ट्रम नीलामी आयोजित की जानी है, तो वे स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण और अनुशंसित अन्य शर्तों का उल्लेख कर सकते हैं.
रघुनंदन ने कहा कि हमने बेस प्राइस सेट करने के लिए इंडेक्सिंग का एक फॉर्मूला भी दिया है. सरकार ने 2022 में 20 साल की वैधता अवधि के साथ कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा. ट्राई ने विभिन्न निम्न (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज), मध्य (3300 मेगाहर्ट्ज) और उच्च (26 गीगाहर्ट्ज) आवृत्ति बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य की सिफारिश की थी. पिछले साल हुई नीलामी में 5G टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लगी थी.