नयी दिल्ली : शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह कंपनियों के तिमाही नतीजों, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी फंड के प्रवाह से तय होगी. विश्लेषकों के अनुसार, इस समय स्थानीय शेयर बाजार अपने रिकॉर्ड स्तर पर हैं. विश्लेषकों का कहना है कि रुपये की चाल और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, ‘वैश्विक बाजारों की दिशा, रुपये-से-डॉलर की विनिमय दर और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का बाजार के कुल रुख पर असर पड़ेगा. घरेलू घटनाक्रमों के अलावा ये कारक भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.’ उन्होंने कहा कि संस्थागत गतिविधियों का भी बाजार पर प्रभाव देखने को मिलेगा. इस सप्ताह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, अशोक लेलैंड, डीएलएफ, जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंदुस्तान जिंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे आने हैं.
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘वैश्विक और घरेलू संकेतक, कंपनियों के तिमाही नतीजे, विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों का रुख, मानसून की प्रगति तथा कच्चे तेल के दाम इस सप्ताह बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे.’ बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 780.45 अंक या 1.19 प्रतिशत की बढ़त में रहा.
शुक्रवार को सेंसेक्स अपने नए सर्वकालिक उच्चस्तर 66,060.90 पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 66,159.79 के अपने नए सर्वकालिक उच्चस्तर तक चला गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुक्रवार को अपने नए सर्वकालिक उच्चस्तर 19,564.50 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 19,595.35 के अपने नए उच्चस्तर तक गया.
वैश्विक मोर्चे पर चीन सोमवार को अप्रैल-जून तिमाही के आर्थिक वृद्धि के आंकड़े जारी करेगा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारतीय बाजार में लिवाल बने हुए हैं। एफपीआई वित्तीय, वाहन, पूंजीगत सामान, रियल्टी और एफएमसीजी शेयरों में लगातार निवेश कर रहे हैं। एफपीआई की खरीदारी ने सेंसेक्स और निफ्टी को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने में मदद की है.’
(पीटीआई-भाषा)