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SBI Research :  वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों का जीएसटी संग्रह 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान

झारखंड देश का एकमात्र राज्य है जहां पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर एक अंक में रहने की उम्मीद है. राज्य ने अपने जीएसटी संग्रह में केवल 5.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है.

SBI Research
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Published : Apr 1, 2023, 10:21 AM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण पिछले दो वर्षों में वित्तीय बाधाओं का सामना कर रही राज्य सरकारों के लिए एक अच्छी खबर है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023 की अवधि) में उनके जीएसटी संग्रह में 24.7 प्रतिशत की भारी वृद्धि होने की उम्मीद है. एसबीआई रिसर्च द्वारा की गई गणना के अनुसार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल ने धीमी वृद्धि दर्ज की है. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश के पूर्वी हिस्से में तीन राज्यों - ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल को छोड़कर अधिकांश राज्यों में जीएसटी संग्रह में उच्च वृद्धि का अनुमान है.

पढ़ें : Food Crisis In Pakistan: कराची में खाद्यान्न वितरण केंद्र पर हुई भगदड़, हादसे में 11 की मौत, कई घायल

झारखंड देश का एकमात्र राज्य है जहां पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर एक अंक में रहने की उम्मीद है. राज्य ने अपने जीएसटी संग्रह में केवल 5.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है. इसी तरह, पश्चिम बंगाल में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर 13.3 प्रतिशत और ओडिशा का 10.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. गुजरात, यूपी टॉप गेनर्स- एसबीआई रिसर्च टीम द्वारा विश्लेषण किए गए 18 प्रमुख राज्यों में से, गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसके जीएसटी संग्रह में इस साल साल-दर-साल आधार पर 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है.

पढ़ें : New Tax System: आज से लागू हो रही नई टैक्स व्यवस्था, जानिए क्या होगा आप पर असर

उत्तर प्रदेश की जीएसटी संग्रह में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का अनुमान है. हालांकि अगले वित्तीय वर्ष में साल-दर-साल आधार पर जीएसटी संग्रह की वृद्धि दर में गिरावट की आशंका है. भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष के एक अनुमान के अनुसार, जीएसटी संग्रह अभी भी दोहरे अंकों में रहेगा. वित्त वर्ष 2023-24 में राज्यों के जीएसटी राजस्व में 16 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.

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अधिकांश राज्य अगले वित्त वर्ष में अपने जीएसटी संग्रह में 10-20 प्रतिशत की मध्यम वृद्धि दर का अनुमान लगा रहे हैं. जबकि केंद्र ने भी आज से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में जीएसटी राजस्व वृद्धि 12 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. केवल कुछ राज्यों ने जीएसटी मुआवजे की एक छोटी राशि का बजट बनाया है, जो जीएसटी मुआवजा व्यवस्था के अंत का संकेत देता है. वित्त वर्ष 2023-24 में राज्यों के बिक्री कर और मूल्य वर्धित कर (वैट) संग्रह में औसतन 13.6 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, इसके बाद अगले वित्तीय वर्ष में भी इसी तरह की वृद्धि दर होगी.

पढ़ें : Interest on Small Saving Schemes : स्मॉल सेविंग स्कीम पर खुशखबरी, सुकन्या समृद्धि और एनएससी पर मिलेगा ज्यादा ब्याज

गुजरात राज्य अपने बिक्री कर और वैट संग्रह में अधिकतम वृद्धि का अनुमान लगा रहा है, इसके बाद छत्तीसगढ़ (24.4 प्रतिशत), तेलंगाना (22.3 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (21.9 प्रतिशत), तमिलनाडु (20.9 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (19.8 प्रतिशत) का स्थान है. सौम्य कांति घोष ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 42 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान लगाया है. यहां तक कि झारखंड ने वित्त वर्ष 2023-24 में 25% की उच्च वृद्धि का बजट रखा है.

पढ़ें : Indian GDP Growth: वर्तमान बचत और निवेश दर से नहीं हासिल होगा 8 फीसदी GDP का लक्ष्य!

नई दिल्ली : कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण पिछले दो वर्षों में वित्तीय बाधाओं का सामना कर रही राज्य सरकारों के लिए एक अच्छी खबर है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023 की अवधि) में उनके जीएसटी संग्रह में 24.7 प्रतिशत की भारी वृद्धि होने की उम्मीद है. एसबीआई रिसर्च द्वारा की गई गणना के अनुसार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल ने धीमी वृद्धि दर्ज की है. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश के पूर्वी हिस्से में तीन राज्यों - ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल को छोड़कर अधिकांश राज्यों में जीएसटी संग्रह में उच्च वृद्धि का अनुमान है.

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झारखंड देश का एकमात्र राज्य है जहां पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर एक अंक में रहने की उम्मीद है. राज्य ने अपने जीएसटी संग्रह में केवल 5.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है. इसी तरह, पश्चिम बंगाल में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर 13.3 प्रतिशत और ओडिशा का 10.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. गुजरात, यूपी टॉप गेनर्स- एसबीआई रिसर्च टीम द्वारा विश्लेषण किए गए 18 प्रमुख राज्यों में से, गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसके जीएसटी संग्रह में इस साल साल-दर-साल आधार पर 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है.

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उत्तर प्रदेश की जीएसटी संग्रह में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का अनुमान है. हालांकि अगले वित्तीय वर्ष में साल-दर-साल आधार पर जीएसटी संग्रह की वृद्धि दर में गिरावट की आशंका है. भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष के एक अनुमान के अनुसार, जीएसटी संग्रह अभी भी दोहरे अंकों में रहेगा. वित्त वर्ष 2023-24 में राज्यों के जीएसटी राजस्व में 16 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.

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अधिकांश राज्य अगले वित्त वर्ष में अपने जीएसटी संग्रह में 10-20 प्रतिशत की मध्यम वृद्धि दर का अनुमान लगा रहे हैं. जबकि केंद्र ने भी आज से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में जीएसटी राजस्व वृद्धि 12 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. केवल कुछ राज्यों ने जीएसटी मुआवजे की एक छोटी राशि का बजट बनाया है, जो जीएसटी मुआवजा व्यवस्था के अंत का संकेत देता है. वित्त वर्ष 2023-24 में राज्यों के बिक्री कर और मूल्य वर्धित कर (वैट) संग्रह में औसतन 13.6 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, इसके बाद अगले वित्तीय वर्ष में भी इसी तरह की वृद्धि दर होगी.

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गुजरात राज्य अपने बिक्री कर और वैट संग्रह में अधिकतम वृद्धि का अनुमान लगा रहा है, इसके बाद छत्तीसगढ़ (24.4 प्रतिशत), तेलंगाना (22.3 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (21.9 प्रतिशत), तमिलनाडु (20.9 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (19.8 प्रतिशत) का स्थान है. सौम्य कांति घोष ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 42 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान लगाया है. यहां तक कि झारखंड ने वित्त वर्ष 2023-24 में 25% की उच्च वृद्धि का बजट रखा है.

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