नई दिल्ली : एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने गुरुवार को कहा कि उसकी ऋण शोधन कार्यवाही के लिये अर्जी देने की कोई योजना नहीं है. इसके उलट कंपनी ने पांच करोड़ डॉलर के साथ उन विमानों को परिचालन में लाने का काम शुरू कर दिया है, जो अभी उड़ान नहीं भर रहे. स्पाइसजेट का यह बयान ऐसे समय आया है जब विमान पट्टे पर देने वाली एक कंपनी ने एयरलाइन के खिलाफ ऋण शोधन समाधान (SpiceJet Bankruptcy Process) के लिये आवेदन दिया है. वहीं संकट में फंसी गो फर्स्ट की तरफ से स्वेच्छा से दायर दिवाला कार्यवाही के आवेदन को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बुधवार को स्वीकार कर लिया.
एविएशन मार्केट में हाल के घटनाक्रमों का हवाला देते हुए स्पाइसजेट ने कहा कि दिवाला समाधान के लिये आवेदन देने की उसकी कोई योजना नहीं है. कंपनी ने बयान में कहा कि हम किसी अन्य एयरलाइन की तरफ से दायर ऋण शोधन याचिका के कारण उत्पन्न किसी भी अटकल को खत्म करना चाहते हैं. एयरलाइन का ध्यान अपने कारोबार पर है और फंड जुटाने के लिये निवेशकों के साथ लगातार बातचीत जारी है.
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ध्यान देने वाली बात है कि एनसीएलटी ने 8 मई को विमान पट्टे पर देने वाली कंपनी एयरकैसल (आयरलैंड) लिमिटेड की दिवाला याचिका पर स्पाइसजेट को नोटिस जारी किया था. इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होनी है. इसके अलावा, पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने स्पाइसजेट के तीन विमानों का पंजीकरण रद्द करने की अपील की है.
स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, ‘ऋण शोधन के लिये याचिका दाखिल करने का कोई सवाल ही नहीं है. इसके बारे में अटकलें पूरी तरह से निराधार हैं. हमने अपने उन विमानों का परिचालन में लाने का काम शुरू कर दिया है, जो अभी उड़ान नहीं भर रहे हैं. कंपनी इसके लिये पांच करोड़ डॉलर के ईसीएलजीएस (आपात कर्ज सुविधा गारंटी योजना) कोष और खुद के पास उपलब्ध नकदी का उपयोग कर रही है.
(पीटीआई- भाषा)
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