ETV Bharat / business

Safe Digital Payment Tips : जानिए कैसे करें सुरक्षित डिजिटल भुगतान, ये हैं ऑनलाइन पेमेंट सेफ्टी टिप्स

कैशलेस डिजिटल भुगतान अधिक आम हो गया है, लेकिन दूसरी ओर, डिजिटल धोखाधड़ी भी बढ़ रही है. थोड़ी सी लापरवाही हमसे हमारी मेहनत की कमाई छीन सकती है. एकाधिक सुरक्षा और बायोमेट्रिक्स का उपयोग साइबर ठगों को दूर रखेगा. आइए जानें कि समस्या-मुक्त डिजिटल भुगतान करने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए. पढ़ें पूरी खबर..

Digital security
साइबर फ्रॉड
author img

By

Published : Jul 4, 2023, 11:32 AM IST

हैदराबाद : डिजिटल पेमेंट से कई फायदे हैं. करेंसी नोट ले जाने की जरूरत नहीं. हम दुकानदार से लेकर रेहड़ी-पटरी वाले तक, छोटी-बड़ी किसी भी रकम का भुगतान डिजिटल तरीके से कर सकते हैं, यह बात आज हर कोई स्वीकार कर रहा है. वहीं, साइबर अपराधी भी सक्रिय हैं और वे पूरी तरह से सुसज्जित हैं. वे व्यक्तिगत डेटा प्राप्त करते हैं, सोशल मीडिया पर संदेश भेजते हैं और भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं.

आंकड़े साफ करते हैं कि डिजिटल फ्रॉड की दर पहले की तुलना में अब करीब 28 फीसदी तक बढ़ गई है. इसके बावजूद, तेजी से भागती दुनिया में डिजिटल भुगतान अब अपरिहार्य हो गया है. इसलिए इनसे सावधान रहना जरूरी है. कई डिजिटल भुगतान ऐप उपलब्ध हैं. इन ऐप्स का उपयोग करने के लिए हमें अपने बैंक खाते और कार्ड का विवरण बताना होगा.

Safe Digital Payment Tips
साइबर ठगी हो तो इन काम करें

इसलिए, दो बार यह जानने के बाद ही ऐप का उपयोग शुरू करें कि यह विश्वसनीय है. हमें ऐसे ऐप्स का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमारी वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें. इससे फर्जी लेनदेन पर लगाम लगेगी. यह जानने के लिए कि आप जिस ऐप का उपयोग कर रहे हैं वह आपकी जानकारी का किस हद तक उपयोग करता है, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें.

Safe Digital Payment Tips
सुरक्षित डिजिटल भुगतान टिप्स

आजकल कई जगहों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है. आप इसे अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं. लेकिन, वित्तीय लेनदेन के लिए बैंकिंग या यूपीआई ऐप का उपयोग करते समय किसी भी परिस्थिति में इस सुविधा का उपयोग न करें. तकनीकी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कई साइबर अपराधी मोबाइल फोन हैक करने के लिए मुफ्त वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करते हैं. अपने मोबाइल फोन पर भुगतान ऐप्स का उपयोग करने के लिए दो-चरणीय सुरक्षा प्रणाली स्थापित करें. ऐप लॉन्च करने और लेनदेन करने के लिए अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग किया जाना चाहिए. बायोमैट्रिक का भी प्रयोग किया जाए.

बहुत से लोग डिजिटल लेनदेन के लिए सरल पासवर्ड चुनते हैं. यह किसी भी हालत में सही नहीं है. डिजिटल भुगतान ऐप्स से भुगतान करते समय चार या छह अंकों के पिन की आवश्यकता होती है. किसी भी हालत में इस बारे में किसी को न बताएं. बहुत से लोग 1234 जैसा पासवर्ड चुनते हैं. यह बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. बेहतर सुरक्षा के लिए पासवर्ड नियमित रूप से बदला जाना चाहिए.

Safe Digital Payment Tips
साइबर ठगी पर ये कदम उठायें

दुकानों में भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड हैं. कोई भी वहां कोड स्कैन कर सकता है और कुछ ही पलों में भुगतान कर सकता है. कई बार फर्जी क्यूआर कोड भी हो सकते हैं. अगर हम बिना जाने स्कैन करेंगे तो हमारे फोन की सारी जानकारी साइबर अपराधियों तक पहुंच जाएगी. इसलिए, दोबारा जांचें कि कौन सा कोड स्कैन किया जा रहा है. विवरण के लिए दुकानदार से पूछें. उसके बाद ही लेनदेन पूरा करें.

डिजिटल भुगतान अब जीवन का हिस्सा है. सभी सावधानियां बरतते हुए इन लेनदेन में सुरक्षा सुनिश्चित करें. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस ने प्रीमियम भुगतान की सुविधा के लिए पॉलिसीधारकों को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) आधारित भुगतान उपलब्ध कराया है. इसके अलावा व्हाट्सएप के जरिए भी भुगतान किया जा सकता है. कंपनी ने खुलासा किया कि इससे पॉलिसीधारक आसानी से प्रीमियम का भुगतान कर सकेंगे. इसमें कहा गया है कि उनका उद्देश्य पॉलिसी नवीनीकरण को आसान बनाना है और यूपीआई आधारित भुगतान इसमें मदद करेगा. नीतियों से संबंधित जानकारी तेलुगु में भी प्रदान की जाती है.

ये भी पढ़ें

हैदराबाद : डिजिटल पेमेंट से कई फायदे हैं. करेंसी नोट ले जाने की जरूरत नहीं. हम दुकानदार से लेकर रेहड़ी-पटरी वाले तक, छोटी-बड़ी किसी भी रकम का भुगतान डिजिटल तरीके से कर सकते हैं, यह बात आज हर कोई स्वीकार कर रहा है. वहीं, साइबर अपराधी भी सक्रिय हैं और वे पूरी तरह से सुसज्जित हैं. वे व्यक्तिगत डेटा प्राप्त करते हैं, सोशल मीडिया पर संदेश भेजते हैं और भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं.

आंकड़े साफ करते हैं कि डिजिटल फ्रॉड की दर पहले की तुलना में अब करीब 28 फीसदी तक बढ़ गई है. इसके बावजूद, तेजी से भागती दुनिया में डिजिटल भुगतान अब अपरिहार्य हो गया है. इसलिए इनसे सावधान रहना जरूरी है. कई डिजिटल भुगतान ऐप उपलब्ध हैं. इन ऐप्स का उपयोग करने के लिए हमें अपने बैंक खाते और कार्ड का विवरण बताना होगा.

Safe Digital Payment Tips
साइबर ठगी हो तो इन काम करें

इसलिए, दो बार यह जानने के बाद ही ऐप का उपयोग शुरू करें कि यह विश्वसनीय है. हमें ऐसे ऐप्स का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमारी वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें. इससे फर्जी लेनदेन पर लगाम लगेगी. यह जानने के लिए कि आप जिस ऐप का उपयोग कर रहे हैं वह आपकी जानकारी का किस हद तक उपयोग करता है, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें.

Safe Digital Payment Tips
सुरक्षित डिजिटल भुगतान टिप्स

आजकल कई जगहों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है. आप इसे अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं. लेकिन, वित्तीय लेनदेन के लिए बैंकिंग या यूपीआई ऐप का उपयोग करते समय किसी भी परिस्थिति में इस सुविधा का उपयोग न करें. तकनीकी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कई साइबर अपराधी मोबाइल फोन हैक करने के लिए मुफ्त वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करते हैं. अपने मोबाइल फोन पर भुगतान ऐप्स का उपयोग करने के लिए दो-चरणीय सुरक्षा प्रणाली स्थापित करें. ऐप लॉन्च करने और लेनदेन करने के लिए अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग किया जाना चाहिए. बायोमैट्रिक का भी प्रयोग किया जाए.

बहुत से लोग डिजिटल लेनदेन के लिए सरल पासवर्ड चुनते हैं. यह किसी भी हालत में सही नहीं है. डिजिटल भुगतान ऐप्स से भुगतान करते समय चार या छह अंकों के पिन की आवश्यकता होती है. किसी भी हालत में इस बारे में किसी को न बताएं. बहुत से लोग 1234 जैसा पासवर्ड चुनते हैं. यह बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. बेहतर सुरक्षा के लिए पासवर्ड नियमित रूप से बदला जाना चाहिए.

Safe Digital Payment Tips
साइबर ठगी पर ये कदम उठायें

दुकानों में भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड हैं. कोई भी वहां कोड स्कैन कर सकता है और कुछ ही पलों में भुगतान कर सकता है. कई बार फर्जी क्यूआर कोड भी हो सकते हैं. अगर हम बिना जाने स्कैन करेंगे तो हमारे फोन की सारी जानकारी साइबर अपराधियों तक पहुंच जाएगी. इसलिए, दोबारा जांचें कि कौन सा कोड स्कैन किया जा रहा है. विवरण के लिए दुकानदार से पूछें. उसके बाद ही लेनदेन पूरा करें.

डिजिटल भुगतान अब जीवन का हिस्सा है. सभी सावधानियां बरतते हुए इन लेनदेन में सुरक्षा सुनिश्चित करें. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस ने प्रीमियम भुगतान की सुविधा के लिए पॉलिसीधारकों को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) आधारित भुगतान उपलब्ध कराया है. इसके अलावा व्हाट्सएप के जरिए भी भुगतान किया जा सकता है. कंपनी ने खुलासा किया कि इससे पॉलिसीधारक आसानी से प्रीमियम का भुगतान कर सकेंगे. इसमें कहा गया है कि उनका उद्देश्य पॉलिसी नवीनीकरण को आसान बनाना है और यूपीआई आधारित भुगतान इसमें मदद करेगा. नीतियों से संबंधित जानकारी तेलुगु में भी प्रदान की जाती है.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.