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SEBI News : ग्राहकों की धनराशि से नई बैंक गारंटी नहीं ले पाएंगे शेयर ब्रोकर, जानें वजह

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि शेयर ब्रोकरों और क्लियरिंग सदस्यों को अपनी सभी मौजूदा बैंक गारंटी सितंबर के अंत तक वापस लेने का निर्देश जारी किया गया है.

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Published : Apr 26, 2023, 10:17 AM IST

नई दिल्ली : SEBI ने शेयर बाजार के ग्राहकों के पैसे से कोई भी बैंक गारंटी नहीं लेने के संबंध में एक बड़ा फैसला लिया है. बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि 1 मई से शेयर ब्रोकरों और क्लियरिंग सदस्यों को ग्राहकों के फंड पर नई बैंक गारंटी नहीं ले पाएंगे. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा मंगलवार को जारी एक परिपत्र में निर्देश दिया गया है कि शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य अपनी मौजूदा बैंक गारंटी सितंबर के अंत तक वापस ले लें.

सेबी ने एक परिपत्र में कहा है '1 मई 2023 से शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य ग्राहकों के पैसे से कोई भी बैंक गारंटी नहीं ले पाएंगे. ग्राहकों के फंड से अभी तक ली गई सभी बैंक गारंटी को 30 सितंबर 2023 तक वापस करना होगा.

दरअसल मौजूदा समय में शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य ग्राहकों के पैसे को बैंकों के पास गिरवी रखते हैं. इसके बाद बैंक इस रकम से ज्यादा फायदा पाने के लिए क्लियरिंग निगमों को बैंक गारंटी के तौर पर जारी करती है. इस प्रोसेस में ग्राहकों का पैसा बाजार जोखिमों के अधीन आ जाता है. हालांकि यह प्रावधान शेयर ब्रोकरों और क्लियरिंग सदस्यों के अपने खातों पर लागू नहीं होगा.

पढ़ें : Demat Accounts : डीमैट अकाउंट खुलवाने वालों की संख्या हुई कम, NSE पर इतने हैं एक्टिव यूजर्स

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सैमको सिक्योरिटीज के फाउंडर और सीईओ जिमीत मोदी ने कहा कि स्टॉक ब्रोकर्स ग्राहकों के पैसे का इस्तेमाल करके अत्यधिक मुनाफा उठा रहे थे, जबकि किसी जोखिम की स्थिति में कस्टमर्स का पैसा ही फंस सकता है या बाजार जोखिमों के अधीन आ सकता है. इस सर्कुलर के आधार पर, सेबी ने यह सुनिश्चित किया है कि इस तरह के पैसे के संचालन पर रोक लगाई जाए.

उन्होंने समझाया कि कैसे शेयर ब्रोकर और क्लियरंग सदस्य ग्राहकों के फंड पर नई बैंक गारंटी लेकर उसका इस्तेमाल करते हैं. जिमीत मोदी ने बताया कि आज ग्राहक के खाते में पड़े 100 रुपये के फंड के लिए, शेयर ब्रोकर 100 रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट बना सकते हैं और फिर उस पर 100 रुपये की अतिरिक्त बैंक गारंटी ले सकते हैं. इस तरह से 100 रुपये के फंड से कुल कोलेट्रल को 200 रुपये तक ले जा सकते हैं.

इस अतिरिक्त बैंक में 100 रुपये की गारंटी और लीवरेज ब्रोकर्स के खाते में आती है, जबकि इस्तेमाल की गई मूल धनराशि ग्राहकों की थी. जिमीत मोदी ने कहा कि इसका परिणाम संभावित रूप से ब्लैक स्वान इवेंट में हो सकता है, जहां एक ब्रोकर का भंडाफोड़ हो सकता है और गारंटी का आह्वान किया जा सकता है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

पढ़ें : HDFC Bank को विलय शर्तों पर आरबीआई से नहीं मिली छूट, सेबी से मिली मंजूरी, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली : SEBI ने शेयर बाजार के ग्राहकों के पैसे से कोई भी बैंक गारंटी नहीं लेने के संबंध में एक बड़ा फैसला लिया है. बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि 1 मई से शेयर ब्रोकरों और क्लियरिंग सदस्यों को ग्राहकों के फंड पर नई बैंक गारंटी नहीं ले पाएंगे. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा मंगलवार को जारी एक परिपत्र में निर्देश दिया गया है कि शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य अपनी मौजूदा बैंक गारंटी सितंबर के अंत तक वापस ले लें.

सेबी ने एक परिपत्र में कहा है '1 मई 2023 से शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य ग्राहकों के पैसे से कोई भी बैंक गारंटी नहीं ले पाएंगे. ग्राहकों के फंड से अभी तक ली गई सभी बैंक गारंटी को 30 सितंबर 2023 तक वापस करना होगा.

दरअसल मौजूदा समय में शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य ग्राहकों के पैसे को बैंकों के पास गिरवी रखते हैं. इसके बाद बैंक इस रकम से ज्यादा फायदा पाने के लिए क्लियरिंग निगमों को बैंक गारंटी के तौर पर जारी करती है. इस प्रोसेस में ग्राहकों का पैसा बाजार जोखिमों के अधीन आ जाता है. हालांकि यह प्रावधान शेयर ब्रोकरों और क्लियरिंग सदस्यों के अपने खातों पर लागू नहीं होगा.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सैमको सिक्योरिटीज के फाउंडर और सीईओ जिमीत मोदी ने कहा कि स्टॉक ब्रोकर्स ग्राहकों के पैसे का इस्तेमाल करके अत्यधिक मुनाफा उठा रहे थे, जबकि किसी जोखिम की स्थिति में कस्टमर्स का पैसा ही फंस सकता है या बाजार जोखिमों के अधीन आ सकता है. इस सर्कुलर के आधार पर, सेबी ने यह सुनिश्चित किया है कि इस तरह के पैसे के संचालन पर रोक लगाई जाए.

उन्होंने समझाया कि कैसे शेयर ब्रोकर और क्लियरंग सदस्य ग्राहकों के फंड पर नई बैंक गारंटी लेकर उसका इस्तेमाल करते हैं. जिमीत मोदी ने बताया कि आज ग्राहक के खाते में पड़े 100 रुपये के फंड के लिए, शेयर ब्रोकर 100 रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट बना सकते हैं और फिर उस पर 100 रुपये की अतिरिक्त बैंक गारंटी ले सकते हैं. इस तरह से 100 रुपये के फंड से कुल कोलेट्रल को 200 रुपये तक ले जा सकते हैं.

इस अतिरिक्त बैंक में 100 रुपये की गारंटी और लीवरेज ब्रोकर्स के खाते में आती है, जबकि इस्तेमाल की गई मूल धनराशि ग्राहकों की थी. जिमीत मोदी ने कहा कि इसका परिणाम संभावित रूप से ब्लैक स्वान इवेंट में हो सकता है, जहां एक ब्रोकर का भंडाफोड़ हो सकता है और गारंटी का आह्वान किया जा सकता है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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