नई दिल्ली: सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में जमा अपनी राशि को वापस पाने के लिए अबतक सात लाख निवेशकों ने शुरू किए गए पोर्टल पर पंजीकरण कराया है. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अबतक कुल 150 करोड़ रुपये की राशि के दावे प्राप्त हुए हैं. सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में जमा निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए इस पोर्टल को कुछ दिन पहले ही शुरू किया गया है.
सहारा रिफंड पोर्टल पर 7 लाख पंजीकरण
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 18 जुलाई को ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ की शुरुआत की थी. सरकार ने मार्च में कहा था कि चार सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को उनका पैसा नौ माह में लौटा दिया जाएगा. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये की राशि सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (सीआरसीएस) के खाते में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था. सूत्रों ने बताया कि अबतक सहारा के सात लाख निवेशकों ने पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है. इसके तहत कुल 150 करोड़ रुपये की राशि का दावा किया गया है.
पैसा वापस लेने की प्रक्रिया
सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए उन निवेशकों के पैसा वापस मिलेगा, जिनके निवेश की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है. निवेशकों को सबसे पहले पोर्टल पर अपना नाम दर्ज करवाना होगा. वेरिफिकेशन के बाद रकम वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके बाद सहारा समूह की समितियां 30 दिन के भीतर दस्तावेज वेरिफाई करेंगी. ऑनलाइन क्लेम दर्ज करने के 15 दिन के भीतर SMS के भेजकर निवेशकों को जानकारी दी जाएगी. इसके बाद बैंक खाते में निवेश की रकम आ जाएगी. कुल मिलाकर इस पूरे प्रोसेस में करीब 45 दिन का समय लग सकता है
सहारा समूह की इंश्योरेंस कंपनी की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए इरडा ने यह फैसला लिया था. इसके खिलाफ सहारा इंडिया लाइफ सैट में अपील की गई थी. अपीलीय न्ययाधिकरण ने मंगलवार को पारित अपने आदेश में कहा कि इरडा के इस आदेश के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगाई जा रही है. यह मामला अब तीन अगस्त की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
ये भी पढ़ें- |
(भाषा इनपुट के साथ)