मुंबई : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) म्यूचुअल फंड की गलत बिक्री का पता लगाने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरण बना रहा है. सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने गलत बिक्री का एक उदाहरण देते हुए कहा कि हाल में 90 साल के एक व्यक्ति को सात साल की लॉक-इन अवधि के साथ एक उत्पाद बेच दिया गया. उन्होंने कहा कि एल्गोरिदम से ऐसे मामलों को पकड़ने में मदद मिलेगी. बुच ने यहां चौथे ग्लोबल फिनटेक उत्सव में कहा, ‘हम गलत बिक्री को रोकने के लिए काम कर रहे हैं, जो म्यूचुअल फंड वितरक, एजेंट या कोई अन्य ऐसा व्यक्ति कर सकता है.’ उन्होंने स्वीकार किया कि यह एक बहुत जटिल समस्या है, जिस पर काबू पाने के लिए AI की जरूरत है.
बाजार नियामक सेबी चालू वित्त वर्ष के अंत तक एक घंटे के ‘ट्रेड’ निपटान की व्यवस्था करेगा और बाद में ऐसी प्रक्रियाओं को त्वरित बनाया जाएगा. कुछ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने विदेशी मुद्रा से संबंधित चिंताओं का हवाला देते हुए निपटान चक्र को छोटा करने पर सवाल उठाए थे. इस बीच, एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि तीव्र निपटान की व्यवस्था वैकल्पिक है और निवेशक चाहें तो इससे बाहर रह सकते हैं.
अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ट्रेड निपटान को त्वरित बनाने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की है. उन्होंने कहा कि इस समयावधि को एक दिन से एक घंटे तक और फिर त्वरित बनाने की योजना है. अधिकारी ने कहा कि एक घंटे के ट्रेड निपटान के लिए प्रौद्योगिकी पहले ही मौजूद है, जबकि त्वरित निपटान के लिए अधिक उन्नत प्रौद्योगिकी की जरूरत होगी.
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(पीटीआई- भाषा)