नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अगले 3 सालों में अपने आधे से अधिक ATMs/ADWMs (Automated Teller Machine/ Automated Deposit cum Withdrawal Machine) को बदलने का प्लान बना रही है. साथ ही बैंक वित्तीय वर्ष 2024 में अपने बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) नेटवर्क को 30,000 तक बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. बैंक इन माध्यमों से सेल्स और मार्केटिंग पर होने वाले खर्च को कम करना चाहती है.
नए एटीएम खरीदने का प्लान : देश का सबसे बड़ा बैंक, एसबीआई अगले तीन साल में 34,250 नए ATMs/ADWMs खरीदने की योजना बना रहा है, ताकि 7 साल से अधिक पुरानी मशीनों को बदला जा सके. आपको बता दें कि दिसंबर 2022 तक, SBI के पास 65,650 एटीएम/एडीडब्ल्यूएम थे. वहीं पिछले साल 2021 के दिसंबर तक बैंक के पास 64,216 एटीएम मशीन थे.
विदित हो कि वर्तमान समय में बैंक का लगभग 97 फीसदी लेन-देन वैकल्पिक वितरण चैनलों के माध्यम से होता है. जिसमें डिजिटल माध्यम (इंटरनेट, मोबाइल, यूपीआई और मोबाइल बैंकिंग ऐप योनो), ATMs/ADWMs और बीसी चैनल शामिल हैं. एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि एटीएम/एडीडब्ल्यूएम का रख- रखाव अच्छे तरीके से होना चाहिए, क्योंकि यह कहीं न कहीं ब्रांड का प्रतिनिधित्व करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) चैनल ब्रांचेज को अव्यवस्थित करने का एक और मजबूत तरीका है. हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2024 के अंत तक 1 लाख CSP (Customer Service Point) आउटलेट बना लें. शार्ट और मिडियम टर्म के लिए सभी सीएसपी आउटलेट्स में माइक्रो एटीएम होंगे. दिसंबर 2022 तक, एसबीआई के पास 70,258 बीसी/सीएसपी आउटलेट थे. वहीं, दिसंबर 2021 तक 69,500 थे. बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट खुद बैंक की तरह काम करते हैं. वे डिपॉजिट लेते हैं और बैंक की ओर से छोटे लोन भी दे सकते हैं.