मुंबई: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया नौ पैसे की तेजी के साथ 83.19 पर पहुंच गया. इससे पहले बुधवार को रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर जा गिरा था. इस बढ़त के पीछे फेड की बैठक, जिसमें ब्याज दरों को स्थीर रखा गया है. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि विदेशों में कमजोर अमेरिकी डॉलर और सकारात्मक घरेलू इक्विटी ने शुरुआती कारोबार में स्थानीय इकाई को समर्थन दिया.
यूएस फेड ने ब्याज दरें बरकरार रखीं और इसके अध्यक्ष अर्थव्यवस्था की नरम स्थिति से संतुष्ट दिखे. इस फैसले के बाद डॉलर इंडेक्स में नरमी आई और 10 साल की बॉन्ड यील्ड गिरकर 4.70 पर आ गई. इंटरबैंक विदेशी मुद्रा पर, घरेलू इकाई डॉलर के मुकाबले 83.23 पर खुली. फिर 83.19 के शुरुआती उच्च स्तर को छू गई, जो पिछले बंद के मुकाबले 9 पैसे की बढ़त दिखाता है.
बुधवार के गिरावट के बाद मार्केट रुपये चढ़ा
बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.28 पर बंद हुआ. इंट्रा-डे के दौरान स्थानीय इकाई अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 83.35 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गई. फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि फेड की नरमी के बाद एशियाई मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले तेजी आई, क्योंकि बाजार में जोखिम की भावना प्रबल थी. ब्रेंट ऑयल थोड़ा बढ़कर 85.45 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. भंसाली ने कहा कि आयातकों की मांग, एफपीआई आउटफ्लो और ईसीबी रिडेम्प्शन के कारण रुपया 83.29/30 के नए निचले स्तर पर पहुंच गया.
फेड की नरम नीती का दिखा असर
उन्होंने कहा कि हालांकि, आज की शुरुआत 83.22 पर अधिक है क्योंकि फेड अपनी नीति बैठक में थोड़ा नरम था. डॉलर सूचकांक, जो छह मुद्राओं की एक टोकरी के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 0.51 फीसदी कम होकर 106.34 पर कारोबार कर रहा था. वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 1.05 फीसदी बढ़कर 85.52 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.