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RBI MPC Meeting : आरबीआई नई टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म कर रहा तैयार, लोन लेना होगा आसान! - आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) एक नई टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर काम कर रहा है. जिसका पायलट प्रोजेक्ट सितबंर 2022 में ही शुरू कर दिया गया था. इसकी मदद से लोग बाधा रहित लोन ले सकेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

RBI Governor Shaktikanta Das
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास
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Published : Aug 10, 2023, 3:10 PM IST

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वंचित क्षेत्रों में कर्ज की निर्बाध पहुंच सुलभ कराने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के मकसद से सार्वजनिक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है. द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि Reserve Bank Innovation Center (RBIH) सुलभ कर्ज उपलब्ध कराने के लिये सार्वजनिक टेक्नोलॉजी मंच तैयार कर रहा है.

सितंबर, 2022 में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक ने आरबीआईएच के साथ मिलकर बैंकों और ग्राहकों के बीच डिजिटल प्रक्रियाओं के माध्यम से निर्बाध कर्ज वितरण के लिये सितंबर, 2022 में पायलट (प्रायोगिक) परियोजना शुरू की थी. इसकी शुरुआत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन से हुई. पायलट परियोजना से मिले सबक के आधार पर डिजिटल कर्ज का दायरा बढ़ाने को लेकर RBI अब सार्वजनिक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है.

इन राज्यों में चल रहा पायलट प्रोजेक्ट
RBI Governor Shaktikanta Das ने कहा कि केसीसी कर्ज के लिये पायलट परियोजना वर्तमान में मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के चुनिंदा जिलों में चल रही है. हाल में गुजरात के चुनिंदा जिलों को डेयरी कर्ज के लिए इसमें शामिल किया गया है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा-
‘मंच को पायलट परियोजना के रूप में सोच-विचारकर शुरू करने की योजना है. इसमें खुला ढांचा और मुक्त ‘एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस’ (एपीआई) और मानक होंगे, जिससे वित्तीय क्षेत्र की सभी इकाइयां निर्बाध रूप से जुड़ सकेंगी.

API एक सॉफ्टवेयर है, जो दो एप्लिकेशन को एक दूसरे से बात करने की अनुमति देता है. एपीआई इकाई के भीतर और विभिन्न इकाइयों के बीच आंकड़े प्राप्त करने और साझा करने का एक सुलभ तरीका है. उन्होंने कहा कि इस पहल से वंचित क्षेत्रों में लोन की पहुंच में तेजी आएगी और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा.

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(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वंचित क्षेत्रों में कर्ज की निर्बाध पहुंच सुलभ कराने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के मकसद से सार्वजनिक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है. द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि Reserve Bank Innovation Center (RBIH) सुलभ कर्ज उपलब्ध कराने के लिये सार्वजनिक टेक्नोलॉजी मंच तैयार कर रहा है.

सितंबर, 2022 में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक ने आरबीआईएच के साथ मिलकर बैंकों और ग्राहकों के बीच डिजिटल प्रक्रियाओं के माध्यम से निर्बाध कर्ज वितरण के लिये सितंबर, 2022 में पायलट (प्रायोगिक) परियोजना शुरू की थी. इसकी शुरुआत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन से हुई. पायलट परियोजना से मिले सबक के आधार पर डिजिटल कर्ज का दायरा बढ़ाने को लेकर RBI अब सार्वजनिक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है.

इन राज्यों में चल रहा पायलट प्रोजेक्ट
RBI Governor Shaktikanta Das ने कहा कि केसीसी कर्ज के लिये पायलट परियोजना वर्तमान में मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के चुनिंदा जिलों में चल रही है. हाल में गुजरात के चुनिंदा जिलों को डेयरी कर्ज के लिए इसमें शामिल किया गया है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा-
‘मंच को पायलट परियोजना के रूप में सोच-विचारकर शुरू करने की योजना है. इसमें खुला ढांचा और मुक्त ‘एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस’ (एपीआई) और मानक होंगे, जिससे वित्तीय क्षेत्र की सभी इकाइयां निर्बाध रूप से जुड़ सकेंगी.

API एक सॉफ्टवेयर है, जो दो एप्लिकेशन को एक दूसरे से बात करने की अनुमति देता है. एपीआई इकाई के भीतर और विभिन्न इकाइयों के बीच आंकड़े प्राप्त करने और साझा करने का एक सुलभ तरीका है. उन्होंने कहा कि इस पहल से वंचित क्षेत्रों में लोन की पहुंच में तेजी आएगी और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा.

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(पीटीआई-भाषा)

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