मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लेनदेन के लिए बैंकों की तरफ से जारी प्री-सेंक्शन्ड या प्री-अप्रूव्ड लोन सुविधा को भी यूपीआई प्रणाली में शामिल करने की घोषणा की. यह ऐलान सोमवार को किया गया. अभी तक यूपीआई प्रणाली के जरिये सिर्फ जमा रकम का ही लेनदेन किया जा सकता था.
केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था. इसके तहत बैंकों में पहले से मंजूर ऋण सुविधा से स्थानांतरण/को स्थानांतरण की मंजूरी देने की बात कही गई थी. फिलहाल बचत खाते, ओवरड्रॉफ्ट खाते, प्रीपेड वॉलेट और क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जा सकता है. रिजर्व बैंक ने ‘बैंकों में प्री-अप्रूव्ड लोन सुविधा का यूपीआई के जरिये परिचालन’ पर एक परिपत्र जारी करते हुए कहा कि यूपीआई के दायरे में अब लोन सुविधा को भी शामिल कर लिया गया है.
रिजर्व बैंक ने कहा-
‘इस सुविधा के तहत व्यक्तिगत ग्राहक की पूर्व सहमति से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक द्वारा व्यक्तियों को जारी प्री-अप्रूव्ड लोन सुविधा के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा.’
केंद्रीय बैंक के मुताबिक, ऐसा होने से लागत कम हो सकती है और भारतीय बाजारों के लिए अनूठे उत्पादों के विकास में मदद मिल सकती है. मोबाइल उपकरणों के माध्यम से चौबीसों घंटे तत्काल धन ट्रासंफर के लिए उपयोग किए जाने वाले UPI से लेनदेन अगस्त में 10 अरब का आंकड़ा पार कर गया. जुलाई में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 9.96 अरब था.
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(पीटीआई- भाषा)