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Personal Accident Insurance Policy बचाएगा वित्तीय संकट से, मुश्किल समय में ऐसे आएगा काम - पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी

कोई दुर्घटना कभी भी बता कर नहीं होती और जब होती है तो अपने साथ वित्तीय परेशानी (मेडिकल खर्च, लोन, ईएमआई) लेकर आती है. इस वित्तीय परेशानी से खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस एक अच्छा ऑप्शन है. इस पॉलिसी के क्या फायदें हैं जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Personal Accident Insurance Policy
पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी
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Published : Apr 2, 2023, 4:30 PM IST

हैदराबाद : एक छोटी सी दुर्घटना पूरे परिवार को आर्थिक और भावनात्मक रूप से परेशान कर सकती है. वैसे भी कोरोना के बाद कई लोग अपने वाहनों में सफर करना पसंद कर रहे हैं. जिससे सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है. इसी के साथ हम सड़क दुर्घटनाओं में भी वृद्धि देख रहे हैं. ऐसे में खुद को अप्रत्याशित दुर्घटनाओं से आर्थिक रूप से बचाना और परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी एक अच्छा ऑप्शन है.

कई बार यात्रा करते समय हम दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं. जिसमें हमारी मौत भी हो सकती है या हम गंभीर रुप से घायल हो सकते हैं. या फिरआंशिक विकलांग हो सकते हैं. Personal Accident Insurance ऐसी आपदाओं के दौरान होने वाले नुकसान के वित्तीय पहलुओं का ख्याल रखता है. खासकर अगर किसी दुर्घटना के कारण पॉलिसीधारक को कुछ हो जाता है, तो यह सुनिश्चित करता है कि परिवार को किसी वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े.

पॉलिसी को कौन ले सकता है : 18-65 वर्ष आयु वर्ग के लोग इस पॉलिसी को खरीद सकते हैं. एक दुर्घटना के बाद एक व्यक्ति सालों तक वित्तीय परेशानी का सामना कर सकता है. लेकिन अगर उसके पास पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी हो तो वह मेडिकल खर्च, लोन, ईएमआई और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए पॉलिसी से एकमुश्त राशि का इस्तेमाल कर सकता है. हाल ही में बीमा कंपनियों ने इन पॉलिसियों के तहत ए़डवेंचर जर्नी में होने वाली दुर्घटनाओं के खर्च को भी शामिल किया है.

पॉलिसीधारक की मौत होने पर पैसे किसे मिलेंगे : अगर किसी दुर्घटना में पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो नामांकित/ नॉमिनी व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारियों को आकस्मिक मृत्यु कवरेज के तहत बीमित राशि मिलेगी. वहीं, अगर व्यक्ति इस हद तक दिव्यांग हो जाता है कि वह किसी भी उपचार से ठीक नहीं हो पाता है, तो कुछ बीमा कंपनियां पॉलिसी अमाउंट को दोगुना करके देती हैं. वहीं, इलाज योग्य दिव्यांगता (सुनने या देखने की क्षमता) के लिए कंपनी पैसे देती है. जितना इलाज करवाने में खर्च होगा. व्यक्ति अपने पॉलिसी का 25-30 फीसदी ले सकता है.

कभी-कभी डॉक्टर किसी दुर्घटना में घायल हुए लोगों के लिए आराम करने की सलाह देते हैं, भले ही चोटें गंभीर न हों. ऐसे में व्यक्ति की आय कम हो सकती है. साथ ही उस समय होने वाले खर्चों के लिए भी धन की जरुरत होगी. उन्हें कवर करने के लिए, बीमा कंपनी पॉलिसी की शर्तों के अनुसार दैनिक या साप्ताहिक आधार पर एक अमाउंट फिक्स्ड कर देती है.

पढे़ं : Pan And Aadhaar : छोटी बचत योजनाओं के लिए पैन और आधार कार्ड अनिवार्य, वरना अकाउंट हो जाएगा फ्रीज

हैदराबाद : एक छोटी सी दुर्घटना पूरे परिवार को आर्थिक और भावनात्मक रूप से परेशान कर सकती है. वैसे भी कोरोना के बाद कई लोग अपने वाहनों में सफर करना पसंद कर रहे हैं. जिससे सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है. इसी के साथ हम सड़क दुर्घटनाओं में भी वृद्धि देख रहे हैं. ऐसे में खुद को अप्रत्याशित दुर्घटनाओं से आर्थिक रूप से बचाना और परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी एक अच्छा ऑप्शन है.

कई बार यात्रा करते समय हम दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं. जिसमें हमारी मौत भी हो सकती है या हम गंभीर रुप से घायल हो सकते हैं. या फिरआंशिक विकलांग हो सकते हैं. Personal Accident Insurance ऐसी आपदाओं के दौरान होने वाले नुकसान के वित्तीय पहलुओं का ख्याल रखता है. खासकर अगर किसी दुर्घटना के कारण पॉलिसीधारक को कुछ हो जाता है, तो यह सुनिश्चित करता है कि परिवार को किसी वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े.

पॉलिसी को कौन ले सकता है : 18-65 वर्ष आयु वर्ग के लोग इस पॉलिसी को खरीद सकते हैं. एक दुर्घटना के बाद एक व्यक्ति सालों तक वित्तीय परेशानी का सामना कर सकता है. लेकिन अगर उसके पास पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी हो तो वह मेडिकल खर्च, लोन, ईएमआई और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए पॉलिसी से एकमुश्त राशि का इस्तेमाल कर सकता है. हाल ही में बीमा कंपनियों ने इन पॉलिसियों के तहत ए़डवेंचर जर्नी में होने वाली दुर्घटनाओं के खर्च को भी शामिल किया है.

पॉलिसीधारक की मौत होने पर पैसे किसे मिलेंगे : अगर किसी दुर्घटना में पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो नामांकित/ नॉमिनी व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारियों को आकस्मिक मृत्यु कवरेज के तहत बीमित राशि मिलेगी. वहीं, अगर व्यक्ति इस हद तक दिव्यांग हो जाता है कि वह किसी भी उपचार से ठीक नहीं हो पाता है, तो कुछ बीमा कंपनियां पॉलिसी अमाउंट को दोगुना करके देती हैं. वहीं, इलाज योग्य दिव्यांगता (सुनने या देखने की क्षमता) के लिए कंपनी पैसे देती है. जितना इलाज करवाने में खर्च होगा. व्यक्ति अपने पॉलिसी का 25-30 फीसदी ले सकता है.

कभी-कभी डॉक्टर किसी दुर्घटना में घायल हुए लोगों के लिए आराम करने की सलाह देते हैं, भले ही चोटें गंभीर न हों. ऐसे में व्यक्ति की आय कम हो सकती है. साथ ही उस समय होने वाले खर्चों के लिए भी धन की जरुरत होगी. उन्हें कवर करने के लिए, बीमा कंपनी पॉलिसी की शर्तों के अनुसार दैनिक या साप्ताहिक आधार पर एक अमाउंट फिक्स्ड कर देती है.

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