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पहली छमाही में रियल एस्टेट में पीई निवेश 40 प्रतिशत बढ़ा

कोविड 19 महामारी और लॉकडाउन के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विट निवेश में बढ़ोतरी (private equity investment) हुई है. ये रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट उद्योग में सुधार को दर्शाता है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में विदेशी निवेशकों का योगदान 78 प्रतिशत रहा.

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PE investment in real estate
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Published : Oct 9, 2022, 5:24 PM IST

नई दिल्लीः चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी (पीई) निवेश 40 प्रतिशत बढ़कर 2.8 अरब डॉलर पर (PE investment in real estate) पहुंच गया है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. संपत्ति सलाहकार एनारॉक की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-सितंबर छमाही में मुख्य रूप से कार्यालय परिसंपत्तियों में विदेशी कोषों का प्रवाह बढ़ने से कुल निजी इक्विटी निवेश बढ़ा है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी निवेश दो अरब डॉलर रहा था.

एनारॉक कैपिटल (Anarock Capital) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शोभित अग्रवाल ने कहा, 'रियल एस्टेट (real estate) क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट उद्योग में सुधार को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल प्रवाह में विदेशी निवेशकों का योगदान 78 प्रतिशत रहा, जो भारतीय रियल एस्टेट में उनके भरोसे को दर्शाता है.

एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-सितंबर छमाही में घरेलू निवेश में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि विदेशी निवेश में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. वित्त वर्ष की पहली छमाही में 10 बड़े सौदों का कुल पीई निवेश में हिस्सा 86 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 80 प्रतिशत रहा था. अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में कुल संपत्ति खंड में कार्यालय बाजार की मांग में 'सार्थक सुधार' देखने को मिला है.

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान कार्यालय संपत्तियों में पीई निवेश 186.2 करोड़ डॉलर रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष के लगभग बराबर है. कोविड 19 महामारी और लॉकडाउन के कारण कैलेंडर वर्ष 2020 और 2021 के दौरान कार्यालय बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था. वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम की वजह से भी कार्यालय स्थल की मांग घटी थी. सलाहकार कंपनी ने कहा कि महामारी के बाद के समय में घरों की मांग में सुधार हुआ है.

पहली छमाही में आवासीय संपत्ति खंड निवेश पाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा है. इस क्षेत्र में कुल निवेश का प्रवाह 37.2 करोड़ डॉलर रहा है. एनारॉक ने कहा कि भौगोलिक क्षेत्रों की बात की जाए, तो दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक पीई निवेश आया है. एनसीआर में पीई निवेश पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 18.1 करोड़ डॉलर से बढ़कर चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 94.2 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है.

इसे भी पढ़ें- चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह 24 प्रतिशत की वृद्धि

पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही यानी अक्टूबर-मार्च में एनसीआर में पीई निवेश 59 करोड़ डॉलर रहा था. रियल्टी कंपनियों के निकाय नारेडको के अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा कि महामारी और मौजूदा आर्थिक चिंताओं के बीच भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र ने मजबूत क्षमता दिखाई है. रियल्टी कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल (Signature Global) के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि कुल मिलाकर (आवासीय और वाणिज्यिक) रियल एस्टेट क्षेत्र ने पिछले एक साल में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्लीः चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी (पीई) निवेश 40 प्रतिशत बढ़कर 2.8 अरब डॉलर पर (PE investment in real estate) पहुंच गया है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. संपत्ति सलाहकार एनारॉक की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-सितंबर छमाही में मुख्य रूप से कार्यालय परिसंपत्तियों में विदेशी कोषों का प्रवाह बढ़ने से कुल निजी इक्विटी निवेश बढ़ा है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी निवेश दो अरब डॉलर रहा था.

एनारॉक कैपिटल (Anarock Capital) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शोभित अग्रवाल ने कहा, 'रियल एस्टेट (real estate) क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट उद्योग में सुधार को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल प्रवाह में विदेशी निवेशकों का योगदान 78 प्रतिशत रहा, जो भारतीय रियल एस्टेट में उनके भरोसे को दर्शाता है.

एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-सितंबर छमाही में घरेलू निवेश में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि विदेशी निवेश में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. वित्त वर्ष की पहली छमाही में 10 बड़े सौदों का कुल पीई निवेश में हिस्सा 86 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 80 प्रतिशत रहा था. अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में कुल संपत्ति खंड में कार्यालय बाजार की मांग में 'सार्थक सुधार' देखने को मिला है.

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान कार्यालय संपत्तियों में पीई निवेश 186.2 करोड़ डॉलर रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष के लगभग बराबर है. कोविड 19 महामारी और लॉकडाउन के कारण कैलेंडर वर्ष 2020 और 2021 के दौरान कार्यालय बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था. वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम की वजह से भी कार्यालय स्थल की मांग घटी थी. सलाहकार कंपनी ने कहा कि महामारी के बाद के समय में घरों की मांग में सुधार हुआ है.

पहली छमाही में आवासीय संपत्ति खंड निवेश पाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा है. इस क्षेत्र में कुल निवेश का प्रवाह 37.2 करोड़ डॉलर रहा है. एनारॉक ने कहा कि भौगोलिक क्षेत्रों की बात की जाए, तो दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक पीई निवेश आया है. एनसीआर में पीई निवेश पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 18.1 करोड़ डॉलर से बढ़कर चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 94.2 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है.

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पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही यानी अक्टूबर-मार्च में एनसीआर में पीई निवेश 59 करोड़ डॉलर रहा था. रियल्टी कंपनियों के निकाय नारेडको के अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा कि महामारी और मौजूदा आर्थिक चिंताओं के बीच भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र ने मजबूत क्षमता दिखाई है. रियल्टी कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल (Signature Global) के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि कुल मिलाकर (आवासीय और वाणिज्यिक) रियल एस्टेट क्षेत्र ने पिछले एक साल में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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