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Patanjali Foods: पतंजलि फूड्स ने कहा, प्रोमोटर होल्डिंग फ्रीज होने से वित्तीय हालत पर कोई असर नहीं - Promoter Minimum Public Shares

शेयर बाजार एनएसई और बीएसई ने बाबा रामदेव की अगुवाई वाले पतंजलि समूह की कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड (पीएफएल) के प्रवर्तकों के शेयरों पर रोक लगा दी है. हालांकि कंपनी ने कहा कि इस फैसले का उसके कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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Published : Mar 16, 2023, 6:53 PM IST

नई दिल्ली: पतंजलि फूड्स ने कहा है कि प्रमोटर होल्डिंग फ्रीज करने की स्टॉक एक्सचेंज की कार्रवाई से उसकी वित्तीय हालत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कंपनी मजबूत कारोबार कर रही है और इसका वित्तीय प्रदर्शन भी अच्छा है. पतंजलि फूड्स ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, हमारी यात्रा आगे बढ़ रही है और हमारे पास एक मजबूत प्रबंधन टीम है.

पीएफएल ने गुरुवार को बताया कि बीएसई और एनएसई ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि परिवहन और पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास समेत समेत उसकी 21 प्रवर्तक इकाइयों के शेयरों के लेनदेन पर न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से रोक लगा दी है. प्रतिभूति संविदा (विनियमन) नियम, 1957 का नियम 19ए(5) एक सूचीबद्ध इकाई के लिए 25 प्रतिशत की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) रखने को अनिवार्य बनाता है.

पतंजलि फूड्स ने बताया कि उसके प्रवर्तक न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित को हासिल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इस बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है. उसने कहा कि कंपनी के प्रवर्तकों को पूरा भरोसा है कि वे अगले कुछ महीनों में अनिवार्य एमपीएस प्राप्त कर लेंगे. मौजूदा समय में कंपनी के 19.18 प्रतिशत शेयर सार्वजनिक शेयरधारकों के पास हैं और एमपीए को हासिल करने के लिए सार्वजनिक शेयरधारिता में 5.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी उसे करनी होगी. शेयरों पर रोक के इस आदेश से कुल 29,25,76,299 इक्विटी शेयर प्रभावित होंगे.

कंपनी ने कहा कि उसे प्रमोटरों से सूचना मिली है कि वे न्यूनतम सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग (एमपीएस) हासिल करने के अनिवार्य अनुपालन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और वे सार्वजनिक शेयरधारिता बढ़ाने के लिए विभिन्न तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, वे अगले कुछ महीनों के भीतर अनिवार्य एमपीएस (मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग) हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं.

हमारे प्रमोटरों के इक्विटी शेयर पहले से ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड विनियम, 2018 के अनुसार अप्रैल 2023 तक (लिस्टिंग की तारीख से एक वर्ष यानी 8 अप्रैल, 2023) लॉक इन हैं और इसलिए, हमें स्टॉक एक्सचेंजों की इस कार्रवाई का कोई प्रभाव नहीं दिखता है. इसके अलावा, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हमारे प्रोमोटर्स के इक्विटी शेयर गिरवी नहीं हैं, कंपनी ने कहा. कंपनी ने कहा, हम निरंतर विकास के साथ देश में अग्रणी एफएमसीजी कंपनी बनने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.

यह भी पढ़ें: CRISIL on Indian GDP : वित्त वर्ष 2024 में भारत की जीडीपी 6 फीसदी की दर से बढ़ेगी


(इनपुट-आईएएनएस व भाषा)

नई दिल्ली: पतंजलि फूड्स ने कहा है कि प्रमोटर होल्डिंग फ्रीज करने की स्टॉक एक्सचेंज की कार्रवाई से उसकी वित्तीय हालत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कंपनी मजबूत कारोबार कर रही है और इसका वित्तीय प्रदर्शन भी अच्छा है. पतंजलि फूड्स ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, हमारी यात्रा आगे बढ़ रही है और हमारे पास एक मजबूत प्रबंधन टीम है.

पीएफएल ने गुरुवार को बताया कि बीएसई और एनएसई ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि परिवहन और पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास समेत समेत उसकी 21 प्रवर्तक इकाइयों के शेयरों के लेनदेन पर न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से रोक लगा दी है. प्रतिभूति संविदा (विनियमन) नियम, 1957 का नियम 19ए(5) एक सूचीबद्ध इकाई के लिए 25 प्रतिशत की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) रखने को अनिवार्य बनाता है.

पतंजलि फूड्स ने बताया कि उसके प्रवर्तक न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित को हासिल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इस बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है. उसने कहा कि कंपनी के प्रवर्तकों को पूरा भरोसा है कि वे अगले कुछ महीनों में अनिवार्य एमपीएस प्राप्त कर लेंगे. मौजूदा समय में कंपनी के 19.18 प्रतिशत शेयर सार्वजनिक शेयरधारकों के पास हैं और एमपीए को हासिल करने के लिए सार्वजनिक शेयरधारिता में 5.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी उसे करनी होगी. शेयरों पर रोक के इस आदेश से कुल 29,25,76,299 इक्विटी शेयर प्रभावित होंगे.

कंपनी ने कहा कि उसे प्रमोटरों से सूचना मिली है कि वे न्यूनतम सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग (एमपीएस) हासिल करने के अनिवार्य अनुपालन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और वे सार्वजनिक शेयरधारिता बढ़ाने के लिए विभिन्न तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, वे अगले कुछ महीनों के भीतर अनिवार्य एमपीएस (मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग) हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं.

हमारे प्रमोटरों के इक्विटी शेयर पहले से ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड विनियम, 2018 के अनुसार अप्रैल 2023 तक (लिस्टिंग की तारीख से एक वर्ष यानी 8 अप्रैल, 2023) लॉक इन हैं और इसलिए, हमें स्टॉक एक्सचेंजों की इस कार्रवाई का कोई प्रभाव नहीं दिखता है. इसके अलावा, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हमारे प्रोमोटर्स के इक्विटी शेयर गिरवी नहीं हैं, कंपनी ने कहा. कंपनी ने कहा, हम निरंतर विकास के साथ देश में अग्रणी एफएमसीजी कंपनी बनने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.

यह भी पढ़ें: CRISIL on Indian GDP : वित्त वर्ष 2024 में भारत की जीडीपी 6 फीसदी की दर से बढ़ेगी


(इनपुट-आईएएनएस व भाषा)

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