नई दिल्ली : ओएनजीसी ने चालू वित्तवर्ष में इसी वर्ष की तुलना में 30,125 करोड़ रुपये के कम पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा है. कंपनी के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से यह बात कही. सिंह ने कहा कि पूंजीगत व्यय मुख्य रूप से आंतरिक स्रोतों से किया जाएगा. आपको बता दें कि पूंजीगत व्यय वह राशि है जिसका इस्तेमाल व्यवसाय लंबी अवधि की संपत्ति खरीदने, बनाए रखने या बढ़ाने के लिए करते हैं.
ONGC ने 5 सालों में 1,44,000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय किया
2022-23 में ओएनजीसी का पूंजीगत व्यय 30,208 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में ओएनजीसी ने पूंजीगत व्यय पर करीब 1,44,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की नई गैस प्राइसिंग पॉलिसी गेम चेंजर साबित होने वाली है. यह न्यूनतम स्तर 4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू और अधिकतम सीमा 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तय करता है. जिसका मतलब है कि 4 से 6.5 डॉलर प्रति यूनिट प्राकृतिक गैस की कीमत होगी या इतने से सीएनजी-पीएनजी के दाम कम होंगे.
कंपनी के कंंसोलिडेट नेट प्रॉफिट में आई कमी
सिंह ने कहा कि अगर यह मान लिया जाए कि यह कीमत दो साल के लिए 6.5 डॉलर पर बनी रहती है और 25 पैसे की वृद्धि होती है. और यह मानते हुए कि कच्चा तेल 70 डॉलर (प्रति बैरल) से ऊपर रहता है. ओएनजीसी की राजस्व धारा मजबूत बनी रहेगी. कंपनी ने 2022-23 की चौथी तिमाही में अपने Consolidated Net Profit (किसी बिजनेस ग्रुप के सभी कंपनियों द्वारा कमाया गया मुनाफा) में गिरावट दर्ज की, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 12,061.44 करोड़ रुपये से गिरकर 5,701 करोड़ रुपये हो गया.
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ऐसा कंपनी द्वारा 1 अप्रैल, 2016 से 31 मार्च, 2023 के बीच की अवधि में रॉयल्टी और उस पर ब्याज पर विवादित सेवा कर और जीएसटी (GST) के लिए 12,107 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के कारण हुआ था.
(आईएएनएस)