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'अभी आने वाले कई हफ्तों तक शेयर बाजार रह सकता है ठंडा, संभल कर करें कारोबार'

अमेरिका में रेट ऑफ इंटरेस्ट बढ़ने की संभावना है, यही वजह है कि भारतीय शेयर बाजार से पैसे बाहर निकल रहे हैं. एफआईआई भारतीय बाजार से पैसा कम कर रहा है, इसकी वजह से शेयर बाजार लगातार नीचे जा रहा है.

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By IANS

Published : Oct 4, 2023, 6:47 PM IST

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कॉन्सेप्ट फोटो

मुंबई : अमेरिका में मजबूत जॉब डेटा जारी होने के बाद भारत में घरेलू शेयर बाजारों पर वैश्विक बाजारों का प्रभाव देखा गया. यह अमेरिका में श्रम बाजार की मजबूती को दिखाता है, जिससे दरों में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में खुदरा अनुसंधान के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, निफ्टी ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन लाल निशान में कारोबार किया और 93 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,436.10 पर बंद हुआ.

सेंसेक्स 286 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,226.04 पर बंद हुआ. बाजार में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही. उन्होंने कहा कि एफएमसीजी और आईटी को छोड़कर पूरे सेक्टर में बिकवाली देखी गई.

अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में हालिया बढ़ोतरी वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजारों पर असर डाल रही है, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लगातार एफआईआई की बिकवाली ने निफ्टी को 20,222 के हालिया उच्च स्तर से 4 फीसदी नीचे खींच लिया है.

खेमका ने कहा, “हमें लगता है कि आने वाले हफ्तों में जब तक प्रतिकूल परिस्थितियां कम नहीं हो जातीं, तब तक बाजार में कमजोरी बनी रहेगी. दूसरी तिमाही का आय सत्र अगले सप्ताह शुरू होगा और उम्मीद है कि पिछली तिमाहियों की वृद्धि की गति बरकरार रहेगी.''

यहां तक कि अब तक जारी तिमाही पूर्व अपडेट भी स्वस्थ संकेत दे रहे हैं. आगे बाजार की दिशा प्रबंधन दृष्टिकोण के साथ-साथ वैश्विक/स्थानीय मैक्रोज़ और आय वितरण के संयोजन पर निर्भर करेगी.

ये भी पढ़ें : Share Market closing 4 Oct : कमजोर मार्केट के बीच अडाणी ग्रुप के शेयरों में दिखी तेजी, सेंसेक्स-निफ्टी रेड जोन में बंद

मुंबई : अमेरिका में मजबूत जॉब डेटा जारी होने के बाद भारत में घरेलू शेयर बाजारों पर वैश्विक बाजारों का प्रभाव देखा गया. यह अमेरिका में श्रम बाजार की मजबूती को दिखाता है, जिससे दरों में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में खुदरा अनुसंधान के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, निफ्टी ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन लाल निशान में कारोबार किया और 93 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,436.10 पर बंद हुआ.

सेंसेक्स 286 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,226.04 पर बंद हुआ. बाजार में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही. उन्होंने कहा कि एफएमसीजी और आईटी को छोड़कर पूरे सेक्टर में बिकवाली देखी गई.

अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में हालिया बढ़ोतरी वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजारों पर असर डाल रही है, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लगातार एफआईआई की बिकवाली ने निफ्टी को 20,222 के हालिया उच्च स्तर से 4 फीसदी नीचे खींच लिया है.

खेमका ने कहा, “हमें लगता है कि आने वाले हफ्तों में जब तक प्रतिकूल परिस्थितियां कम नहीं हो जातीं, तब तक बाजार में कमजोरी बनी रहेगी. दूसरी तिमाही का आय सत्र अगले सप्ताह शुरू होगा और उम्मीद है कि पिछली तिमाहियों की वृद्धि की गति बरकरार रहेगी.''

यहां तक कि अब तक जारी तिमाही पूर्व अपडेट भी स्वस्थ संकेत दे रहे हैं. आगे बाजार की दिशा प्रबंधन दृष्टिकोण के साथ-साथ वैश्विक/स्थानीय मैक्रोज़ और आय वितरण के संयोजन पर निर्भर करेगी.

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